Posted on 02 Mar, 2022 4:46 pm

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ कौशल को मजबूत करना है। साथ ही शिक्षा के साथ रोजगार को बढ़ावा देना, शिक्षा नीति में छात्रों में रचनात्मक सोच और तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना है। डॉ. यादव आज मंत्रालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीत-2020 के क्रियान्वयन के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ग्रामीण और शहरी भारत में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण के एकीकृत करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करती है। व्यवसायिक विषयों पर विद्यार्थियों को फील्ड प्रोजेक्ट, इंटर्नशिप, एप्रेन्टिसशिप और कम्यूनिटी इंगेजमेंट के लिए किसान-कल्याण तथा कृषि, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पर्यटन, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और महिला-बाल विकास विभाग का समन्वय आवश्यक है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसा कार्य करें जिससे अगला सत्र पूर्ण रूप से व्यवस्थित हो ।

अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा श्री शैलेन्द्र सिंह ने विभिन्न विभागों के उपस्थित अधिकारियों को विभाग वार पोर्टल तैयार करने और विभागीय नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों को सुविधा होगी कि उन्हें किस से सम्पर्क स्थापित करना होगा। श्री सिंह ने कहा कि हर जिले के 8 से 10 उद्योगों को चिन्हाकिंत करें। इंटर्नशिप के लिए उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ कोर्स डिजाइन करें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने पोर्टल पर यह भी उल्लेखित करें कि कौन सी संस्था क्या और किस विषय पर केन्द्रित होकर कार्य करती है। व्यवसायिक पाठ्क्रमों के क्या विषय होने चाहिए संबंधित विभाग इसका सुझाव भी दें। पर्यटन विभाग प्राइवेट होटलों से भी टाइअप करें। अपर मुख्य सचिव श्री सिंह ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एक सेन्ट्रल पोर्टल बनाकर सभी जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए।

आयुक्त, उच्च शिक्षा श्री दीपक सिंह तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला बाल विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, किसान-कल्याण तथा कृषि आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश