Posted on 04 Sep, 2024 5:38 pm

शिक्षक श्री घीसालाल धनगर विगत 26 वर्षों से नीमच जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जनकपुर मोरवन में कार्यरत है। उन्होंने अध्यापन के साथ ही छात्र-छात्राओं को विभिन्न गतिविधियों में मार्गदर्शन देकर उन्हें आगे बढ़ाने में बहुत ही सहरानीय प्रयास किया है। शिक्षक श्री धनगर विज्ञान विषय के शिक्षक हैं। उनके मार्गदर्शन में विद्यालय के 8 छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान प्रतियोगिताओं में भाग लेकर विद्यालय का गौरव बढ़ाया है। विद्यालय के छात्र धर्मेंद्र पाटीदार ने तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद के हाथों राष्ट्रीय इनोवेशन पुरस्कार प्राप्त किया है। शिक्षक श्री धनगर ने विद्यालय परिसर में सघन पौध-रोपण का सराहनीय कार्य भी किया है। पौध-रोपण एवं पर्यावरण गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य करने पर विद्यालय को वर्ष 2014 में राज्य स्तरीय "पर्यावरण मित्र" पुरस्कार का सम्मान प्राप्त हुआ था।

अभिभावकों पालकों से सतत सम्पर्क

शिक्षक श्री धनगर केवल विद्यालय तक की अध्यापन का कार्य नहीं करवाते बल्कि छात्र-छात्राओं के पालकों को फोन लगाकर, बच्चों की पढ़ाई के बारे में पूछते हैं और टाइम टेबल के अनुसार अध्यापन करने छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हैं। इससे छात्र-छात्राएं पूरी लगन से पढ़ाई कर अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होते हैं। विगत कई वर्षों से शिक्षक श्री धनगर का विज्ञान विषय का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा है।

उच्च पदों पर कार्यरत पूर्व छात्रों से विद्याथियों का मार्गदर्शन

शिक्षक श्री धनगर ने विद्यालय के ऐसे पूर्व छात्रों का ग्रुप भी बना रखा है, जो इस विद्यालय से पढ़-लिख कर वर्तमान में उच्च पदों पर कार्यरत हैं। गाँव के ऐसे प्रतिभावान विद्यार्थी जब गाँव आते हैं, तो उनसे छात्र-छात्राओं का कैरियर मार्ग-दर्शन करवाया जाता है। इससे विद्यार्थियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

छात्राओं के लिए निशुल्क सैनिटरी पेड की व्यवस्था

इस विद्यालय में लगभग 200 छात्राएं अध्यनरत हैं। छात्राओं की व्यक्तिगत समस्या के समाधान के लिए शिक्षक श्री धनगर ने पूर्व अध्यनरत छात्र के सहयोग से विद्यालय में नि:शुल्क सेनेटरी पेड की व्यवस्था कर रखी है। विद्यालय के पूर्व छात्र रवि पाटीदार एवं यमुना प्रसाद पाटीदार के सहयोग से विद्यालय में विगत 5 वर्षों से छात्राओं को नि:शुल्क सेनेटरी पैड की उपलब्ध करवाई जा रही है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश