Posted on 13 Jun, 2024 3:52 pm

प्रदेश के ऐसे ज़िले जहाँ पर टीकाकरण विहीन बच्चों का बाहुल्य है वहाँ टीकाकरण की सघनता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्ययोजना का निर्माण किया जा रहा है। कार्ययोजना निर्माण और क्रियान्वयन के लिए यूएनडीपी के सहयोग से भोपाल में विभिन्न स्टेकहोल्डर्स की 1 दिवसीय 0 डोज इमप्लिमेंटेशन प्लान कार्यशाला हुई।

उल्लेखनीय है कि भारत शासन ने 11 राज्यों के 143 जिलों का चयन किया है (जिसमें मध्यप्रदेश के 15 जिले शामिल हैं) जहां 1 वर्ष तक के 0 डोज प्राप्त बच्चों की संख्या अधिक पायी गई है।

मिशन संचालक एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास ने कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग के लिए महत्वपूर्ण अवसर है कि टीकाकरण में पीछे रह गये क्षेत्रों को अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का विशेष सहयोग प्राप्त होने जा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अमले को इस मौक़े लाभ लेकर शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूरे मनोयोग से प्रयास करने और संस्थाओं को अपेक्षित सहयोग प्रदान करने के लिए निर्देशित किया। कार्यशाला में एन०एच०एम० के उपसंचालक, सीएमएचओ, डीईओ तथा टीकाकरण पार्टनर एजेंसी के सदस्य उपस्थित थे।

मॉनिटरिंग एवं रिकॉर्ड संधारण के लिए डिजिटल तकनीक का प्रयोग

डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा समस्त जिलों की कार्ययोजना 30 जून तक कम्प्यूटरीकृत कर ली जायेगी। यूएनडीपी के सहयोग से 0 से 5 वर्ष के सभी बच्चों का टीकाकरण रिकॉर्ड यूविन पोर्टल में अपडेट किया जायेगा। जे.एस.आई. द्वारा शत प्रतिशत वैक्सीनेटर के मॉड्यूल आधारित प्रशिक्षण 30 जुलाई तक पूर्ण किया जायेगा। यूनीसेफ द्वारा शीघ्र ही एकीकृत मेन्टिरिंग मॉनीटरिंग एप का उपयोग कर सुपरविजन टूल दिया जायेगा। जिससे जिले एवं ब्लॉक में पायी गई कमियों का सुधार उसी दिन किया जा सकेगा।

नियमित समीक्षा

डब्ल्यू.एच.ओ. की निगरानी में प्रदेश में 200 फील्ड मॉनीटर सत्र स्थल एवं घर-घर जाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। रिपोर्ट के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी साप्ताहिक समीक्षा करेंगे और ऐक्शन टेकन रिपोर्ट राज्य टीकाकरण प्रकोष्ठ को प्रेषित करेंगे। प्रतिरोधी परिवारों के लिये विशेष कार्ययोजना बनायी जाएगी।

1 भी घर, 1 भी बच्चा टीकों से वंचित न रहे

यूएनडीपी के राष्ट्रीय सलाहकार डॉ प्रदीप हलदर ने कहा कि 1 वर्ष के भीतर जिन्हें 1 भी डोज डी.पी.टी. युक्त (पेन्टाविलेंट) वैक्सीन प्राप्त नहीं हुई हैं उन्हें जीरो डोज अंतर्गत रिपोर्ट माना जायेगा। घर-घर सर्वे में 0 से 1 वर्ष के बच्चों के जीरो टीकाकरण डोज की सूची तैयार की जायेगी। 1 भी घर, 1 भी बच्चा टीकों से वंचित न रहे इसकी योजना बनाकर क्रियान्वयन किया जाएगा।

राष्ट्रीय तकनीकि विशेषज्ञ, यूएनडीपी नई दिल्ली डॉ पंकज सुमानी ने प्रदेश में एन.एफ.एच.एस. 1 (1992-93) 35% पूर्ण टीकाकरण से एन.एफ.एच.एस. 5 (2019-21) 76% प्रदेश की प्रगति की सराहना की। एक भी बच्चा अटीकाकृत न रहे इसके लिए अभिभावकों में जागरूकता लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्र जैसे झुग्गी स्थल, घुमक्कड़ आबादी, प्रतिरोधी, जनजाति बाहुल्य एवं पहुंच विहीन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देते हुए IRMMA (आइडेंटिफाई, रीच, मॉनिटर, मेजर, एडवोकेट) योजना पर कार्य करना होगा।

संचालक, टीकाकरण डॉ संतोष शुक्ला ने बताया कि GAVI (ग्लोबल अलायन्स फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन) अंतर्गत चयनित 15 जिलों (बालाघाट, बड़वानी, भिंड, मंदसौर, मुरैना, पन्ना, राजगढ़, रीवा, सतना, शिवपुरी, सिंगरौली, सीहोर, ग्वालियर, विदिशा एवं दमोह) में कुल 97 ब्लॉक शामिल किये गये हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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