Posted on 20 Jul, 2022 5:08 pm

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के शैक्षणिक स्तर का अध्ययन कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लक्षित समूह में जो शिक्षा से वंचित और विकास के लाभ से दूर है, उनको विकास की मुख्य-धारा में शामिल करने के प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। राज्यपाल श्री पटेल राजभवन में जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ले रहे थे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास मेप बनाया जाए। इसमें प्रदेश के 89 विकासखंड में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का विवरण संधारित किया जाए। बुनियादी अधो-संरचना निर्मित करने की आवश्यकताओं को चिन्हित किया जाए। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना का विकास मेप के द्वारा प्रभावी क्रियान्वयन किया जा सकेगा। उन्होंने उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं और लाभों के संबंध में जानकारी दिए जाने के लिए कहा। बारहवीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों का डेटाबेस तैयार करने की जरूरत बताई। राज्यपाल ने कहा कि सफल विद्यार्थियों के अनुभवों को साझा करने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उनके साथ चर्चा द्वारा भावी पीढ़ी को प्रेरित करने और उनके अनुभवों के अनुसार योजनाओं में प्रक्रियात्मक व्यवस्थाओं,परिवर्धन और क्रियान्वयन कार्य को अधिक बेहतर किया जा सकेगा।

राज्यपाल श्री पटेल ने जनजातीय आबादी के अनुपात में बजट राशि की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि बजट निर्माण प्रक्रिया वर्ष के प्रारंभ में शुरु होती है। इसलिए जरूरी है कि विभाग नवीन योजनाओं, कार्यक्रमों और उनके लिए वित्तीय आवश्यकताओं के संबंध में दिसम्बर माह के अंत तक राशि की माँग शासन के समझ प्रस्तुत कर दें।

जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग श्रीमती डॉ. पल्लवी जैन गोविल, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव श्री बी.एस. जामोद सहित सदस्य और विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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