डिजिटल बस से भोपाल जिले के 10 विद्यालयों के विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
Posted on 17 Aug, 2024 2:32 pm
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर शुरू की गई डिजिटल बस से भोपाल जिले के 10 सरकारी विद्यालयों में कम्प्यूटर साक्षरता की बेसिक जानकारी दी जायेगी। इन विद्यालयों के चयनित 2775 विद्यार्थियों को नि:शुल्क सुविधा मिलेगी। डिजिटल बस प्रत्येक स्कूल में एक माह में 3 बार जायेगी, जिसमें सभी कक्षाओं के छात्रों को कम्प्यूटर चलाने के बारे में जानकारी दी जायेगी। यह कार्यक्रम स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से संचालित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि डिजिटल बस सेवा श्रीराम फाइबर फाउण्डेशन की मदद से शुरू हुई है।
डिजिटल बस में 20 कम्प्यूटर स्थापित हैं। इसमें मौजूद इंटरनेट की सुविधा और स्मार्ट शिक्षा कार्यक्रम का लाभ छात्र ले सकेंगे। छात्रों को सिखाने के लिये एनसीईआरटी विषय आधारित एक्सट्रा मार्क सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जायेगा। छात्रों को एमएस वर्ड पर कार्य करना, पीपीटी बनाना, पेंटिंग बनाना, टाइपिंग स्किल बढ़ाना और कम्प्यूटर शॉर्ट-की ऑपरेटिंग सिस्टम आदि की शिक्षा प्रदान की जायेगी। बेसिक कम्प्यूटर लिटरेसी कोर्स में कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों को कम्प्यूटर का 18 घंटे का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसमें छात्रों को ई-मेल बनाना, ई-मेल करना, एक्सल शीट पर डेटा भरना और सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल के बारे में शिक्षित किया जायेगा। डिजिटल बस में कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिये विषय आधारित कक्षाएँ संचालित की जायेंगी, जिसमें हिन्दी, गणित, विज्ञान आदि विषयों को डिजिटल तरीके से पढ़ाया जायेगा। ऐसा करने पर छात्र अपने विद्यालय में स्मार्ट शिक्षा का लाभ ले सकेंगे।
शिक्षा संबंधी जागरूकता कार्यक्रम
डिजिटल बस के माध्यम से शिक्षा संबंधी जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जायेगा। छात्रों को शासकीय कार्यक्रमों और योजनाओं की विद्यालय के गाँव में प्रोजेक्टर से फिल्म दिखाकर जागरूक किया जायेगा। भोपाल जिले के फंदा ब्लॉक चयनित शासकीय विद्यालयों में माध्यमिक विद्यालय लांबाखेड़ा, ईंटखेड़ी, बीनापुर, निपानिया जाट, हाई स्कूल रायपुर, माध्यमिक विद्यालय चौपड़ाकला, हाई स्कूल सूखीसेवनिया, माध्यमिक विद्यालय बरखेड़ी अब्दुल्ला, माध्यमिक विद्यालय प्रेमपुरा और हाई स्कूल बालमपुर शामिल हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने मैदानी अमले को व्यवस्था में आवश्यक सहयोग करने के लिये निर्देश दिये हैं।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश