Posted on 09 Jan, 2024 7:41 pm

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि नवीन शिक्षा नीति के ज़मीनी क्रियान्वयन के लिए योजनाबद्ध तरीक़े से प्रयास के साथ किए गए प्रयासों का सघन निरीक्षण महत्वपूर्ण है। विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों को प्रेरित करें, विभागीय वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से मैदानी निरीक्षण करें। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने आज मंत्रालय वल्लभ भवन में स्कूल शिक्षा विभाग की वृहद् समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों और विभागीय संरचना की जानकारी तथा विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों का परिचय प्राप्त किया।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि अधोसंरचना विकास एवं नवीन तकनीकी का प्रयोग किया जाना सराहनीय है, साथ ही यह आवश्यक है कि इन नवाचारों का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने रख-रखाव अथवा अन्य कारणों से स्मार्ट क्लास के संचालन में अगर व्यवधान है, उसका ब्योरा तैयार करने के निर्देश दिये ताकि आवश्यक निदानात्मक कार्रवाई की जा सके।

स्कूल शिक्षा मंत्री को प्रदेश में विभागीय शैक्षणिक अधोसंरचना, साक्षरता परिदृश्य और प्रगतिरत तथा आगामी कार्ययोजना की जानकारी दी गयी। इनमें शालाओं का उन्नयन तथा विस्तार और विकास, शाला भवन निर्माण, शिक्षकों तथा कर्मचारियों का प्रशिक्षण, शालाओं में शारीरिक शिक्षा तथा खेलकूद, शाला की परीक्षाओं का संचालन, विद्यार्थियों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं, छात्रवृत्ति आदि का विवरण शामिल है।

युवाओं को रोज़गार देने के प्रयास करें

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने निर्देश दिये कि सभी पात्र विद्यार्थियों को समय से छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्यवाहियाँ पूर्ण करें। बच्चों को साइकिल प्रदाय योजना में राशि अंतरित करने की व्यवस्था की जाये। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि विभाग के अधोसंरचना विकास एवं शैक्षणेत्तर संचालन कार्यों में जहाँ भी संभावना हो वहाँ युवाओं को रोज़गार देने के प्रयास करें। विभाग के चतुर्थ श्रेणी के समस्त रिक्त पद जो अनुकंपा नियुक्ति से भरे जाने हैं, उनके लिए अन्य विभागों से भी माँग मंगायें ताकि रिक्तियों में भर्ती की कार्य शीघ्र पूर्ण हो सके।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री धनराजू एस, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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