स्टेट टाइगर फोर्स को मिली भारी सफलता
Posted on 10 Jun, 2024 8:36 pm
स्टेट टाइगर फोर्स मध्यप्रदेश, भोपाल एवं क्षेत्रीय इकाई इंदौर द्वारा 25 मई, 2024 को अनुसूची-IV में सूचीबद्ध दुर्लभ जीवित प्राणी इगुआना (Iguana iguana) एवं एंपरर स्कॉर्पियन (Pandanus imperator) को जप्त कर वन्य-जीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 यथा संशोधित-2022 की धारा-49 एम, 49 क्यू तथा CITES जीवित प्राणी प्रजातियाँ संबंधी नियम-2024 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया था। उक्त प्रकरण में अग्रिम कार्रवाई करते हुए गिरोह के मुख्य सरगना कार्तिक निवासी दिल्ली को 8 जून, 2024 को गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय इंदौर के समक्ष पेश कर फॉरेस्ट पुलिस रिमांड पर लिया गया।
उक्त आरोपी की निशानदेही पर प्रदेश के बाहर बुलंदशहर (उ.प्र.) में कार्यवाही करते हुए 9 जून, 2024 को भारी मात्रा में अनुसूची-IV में सूचीबद्ध दुर्लभ जीवित प्राणी प्रजातियों इगुआना, सनकोन्युर, एगापोर्निस बर्ड, किकिनयन-सेण्डबोआ, सवाना लिजार्ट, एंपरर स्कॉर्पियन, टेरन्टोला स्पाइडर एवं अनुसूची-I एवं II में सूचीबद्ध प्रतिबंधित भारतीय वन्य-प्राणी प्रजातियों यलो मोनिटर, ब्लैक काइट, वाटर मोनिटर को जप्त किया गया एवं एक और आरोपी को गिरफ्तार किया तथा गिरोह के पास से 40 से ज्यादा प्राणी प्रजातियों के नमूने जप्त किये गये।
प्रकरण में लिप्त गिरोह द्वारा परिवेश 1.0 एवं परिवेश 2.0 में छद्मरूपण (Impersonation) एकाउंट बनाकर भारी मात्रा में दुर्लभ विदेशी प्राणी प्रजातियों के अवैध व्यापार देश के अलग-अलग राज्यों में बिना किसी पुख्ता दस्तावेजों के किया गया। देश के बाहर अन्य राज्यों में भी कार्रवाई की जा रही है।
वर्तमान में CITES जीवित प्राणी प्रजातियों के संबंध में भारत सरकार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जीवित प्राणी प्रजातियाँ (रिपोर्टिंग और रजिस्ट्रीकरण) नियम-2024 लागू किये गये हैं, जिसके अंतर्गत वन्य-जीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 यथा संशोधित-2022 अनुसूची-IV के परिशिष्ट I, II एवं III में दर्ज जीवित प्राणी प्रजातियों का स्वामित्व हस्तांतरण जन्म एवं मृत्यु का पंजीयन PARIVESH PORTAL 2.0 के माध्यम से कराया जाना आवश्यक है, इसके लिये 31 अगस्त, 2024 तक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किये जा सकेंगे। प्रत्येक व्यक्ति, जिनके पास उपरोक्त अनुसार जीवित प्राणी प्रजातियाँ हैं, इस पोर्टल के माध्यम से अपना पंजीयन अवश्य करें। 31 अगस्त, 2024 के पश्चात जिन व्यक्तियों के पास पंजीयन प्रमाण-पत्र नहीं होगा, उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।
आम जन-मानस को यह भी सूचित किया जाता है कि किसी भी साइटिस जीवित प्राणी, जिनका परिवेश 2.0 में रजिस्ट्रीकरण नहीं है, उन्हें न खरीदें। पेटशॉप विक्रेताओं को भी यह निर्देशित किया जाता है कि वह बिना रजिस्टर्ड ऐसे जीवित प्राणी प्रजाति का विक्रय नहीं करेंगे तथा रजिस्ट्रीकरण के उपरांत परिवेश 2.0 के माध्यम से स्थानांतरण/विक्रय किया जाना सुनिश्चित करेंगे। नियम के उल्लंघन में केन्द्र सरकार द्वारा सजा का प्रावधान भी रखा गया है।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश