Posted on 18 May, 2017 5:28 pm

भोपाल : गुरूवार, मई 18, 2017, 15:56 IST
 

स्पेसिफिक, मेजरेबल, एटेनेबल, रिलेवेंट और टाईम बाउंड- 'SMART' का अर्थ अपने आप में सफलता की पूरी कहानी कह देता है। यदि स्मार्ट सिटी के क्रियान्वयन में इन बातों का ध्यान रखा जाये, तो अपने लक्ष्यों को हासिल करने से काई नहीं रोक सकता। यह बात नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने मुम्बई के म्युनिस्पालिका-2017, स्मार्ट एण्ड सस्टेनेबल सिटी सॉल्यूशन पर आधारित कार्यशाला में कही। कार्यशाला में कर्नाटक के नगरीय विकास मंत्री श्री रोशन बेग तथा कनाडा के हाई कमिश्नर श्री नादिर पटेल उपस्थित थे।

नगरीय विकास मंत्री श्रीमती सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति ने भारत के परिदृश्य को बदल दिया है। समृद्ध और स्मार्ट भारत की परिकल्पना को यथार्थ मे बदलने में सफलता मिली है जो आज की जरूरत भी है। श्रीमती सिंह ने कहा कि भारत की 31 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है जो जी.डी.पी. में 63 प्रतिशत की भागीदारी निभाती है। वर्ष 2050 तक ये योगदान 75 प्रतिशत तक हो जायेगा। उन्होंने 'सबका साथ-समग्र विकास' की भावना के साथ स्मार्ट सिटी के निर्माण का आग्रह करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी के प्रयासों का यदि कहीं विरोध है तो ऐसे में लोगों को साथ में लेकर उनकी समस्याओं का निराकरण करना ही सही मायनों में स्मार्टनेस है।

मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि लोगों का व्यवहार परिवर्तन करना हमारी पहली चुनौती है। इसके लिए KAP पर कार्य करना होगा अर्थात् नॉलेज, एटीट्यूट और प्रैक्टिस, सही ज्ञान सही एटीट्यूड लाता है और सही एटीट्यूड को आत्मसात करना ही आदत के रूप में विकसित किया जा सकता है। जब तक स्वच्छता और शहर के पर्यावरण की देखभाल आम नागरिकों की आदत में नहीं आयेगा तब तक सारे प्रयास बेमानी सिद्ध होगें। उन्होंने कहा कि दूसरी चुनौती पर्यावरण संरक्षण की है। इस बात पर हमें ऐसे प्लान तैयार करने होगें जिसमें अधिकतम वृक्ष अपनी जगह पर बने रहें या आधुनिक तरीके से उनकी शिफ्टिंग हो सके, नष्ट ना किया जाये। अधिकारों के हस्तांतरण के साथ अब जरूरत अपने कर्त्तव्यों के हस्तान्तरण की है। एक पौधा जो आज हमने रोपा है, उसके संरक्षण का कर्त्तव्य भी लगातार हस्तान्तरित हो तभी जाकर वह वृक्ष बन पायेगा।

नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि देश के 30 स्वच्छ शहरों में प्रदेश की घोषित पाँच स्मार्ट सिटी इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी तर्ज पर अन्य शहरों के लिए मिनी स्मार्ट सिटी योजना की घोषणा की। उन्होंने अमरकंटक में 'भव्य अमरकंटक' के नाम पर प्रदेश की पहली मिनी स्मार्ट सिटी की घोषणा की। श्रीमती माया सिंह ने कहा कि शहर सुंदर और स्मार्ट होगें तो मुस्कराहट की तरह, शहर की स्मार्टनेस का प्रभाव आसपास भी फैलेगा।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

 

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