Sense of service kindles in Rameshwar Chouhan - रामेश्वर चौहान में जगा सेवाभाव
Posted on 19 May, 2016 12:49 pm
Sense of service kindles in Rameshwar Chouhan |
|
|
|
Bhopal : Thursday, May 19, 2016, 17:46 IST | |
Shri Rameshwar Chouhan, who is himself a devotee from Tarana has been so overwhelmed by grandeur and glory of Simhastha Mahaparv at Ujjain and pilgrims' devotion towards Maa Kshipra and Lord Mahakal that he has dedicated himself for service of devotees coming to Simhastha. He is spending all his time in carrying aged people on his shoulders to their destinations, guiding people and helping them get water, food and Prasadi. Shri Rameshwar is being assisted by his wife. The couple has decided to serve humanity for entire life. Shri Rameshwar said that no work can be holier than this. He had come for the holy dip with his family members and friends some days ago. But overwhelmed by great display of religion and spiritualism, he got the inspiration to serve other devotees till next Shahi Snan and he decided for this along with his wife. |
रामेश्वर चौहान में जगा सेवाभाव |
|
|
|
भोपाल : गुरूवार, मई 19, 2016, 18:01 IST | |
सिंहस्थ महापर्व का वैभव, गरिमा एवं श्रद्धालुओं का माँ क्षिप्रा एवं महाकाल के प्रति श्रद्धाभाव देख तराना निवासी रामेश्वर चौहान अभिभूत होकर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के सेवा में जुट गये हैं। वे बुजुर्गों को कन्धा देने, दिव्यांगों को घाट तक पहुँचाने एवं भटके हुए लोगों को मार्ग दिखाने के साथ प्यासे को पानी, भूखे को भोजन प्रसादी दिलवाने में अपना पूरा समय गुजार रहे हैं। रामेश्वर का साथ उनकी पत्नी उर्मिला भी दे रहीं हैं। ये जुगल-जोड़ी भविष्य की पूरे जीवन काल में मानव जीवन के प्रति स्नेह-प्रेम का सुविचार मन में जगा हैं। रामेश्वर ने कहा कि इससे बड़ा पुण्य का कार्य जीवन में और कुछ नहीं हो सकता। वे पहले से ही स्नान के लिए सपरिवार एवं अन्य साथियों के साथ आये थे। यहाँ धर्म एवं अध्यात्म का विहंगम दृष्य देख कर अन्तिम शाही स्नान तक सेवा करने की अन्तर्रात्मा से प्रेरणा मिली और उसी अनुरूप उन्होंने सिंहस्थ पर्व में पत्नी के साथ सेवा करने का संकल्प लिया। |
|
सी.एल. पटेल |