Posted on 03 Jan, 2022 8:11 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना गरीबों के कल्याण के लिए लागू की गई महत्वपूर्ण योजना है। आने वाले वित्त वर्ष से इस योजना को पूरी ताकत से क्रियान्वित किया जाएगा। वर्ष 2019 में योजना के क्रियान्वयन में जो रूकावटें आई थीं, उन्हें दूर किया जाएगा। वर्तमान में योजना की कमियों को दूर करने का कार्य किया जा रहा है। श्रम विभाग इस योजना में अच्छे परिणाम लाने का कार्य करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में विभागीय समीक्षा बैठकों के क्रम में श्रम विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। श्रम एवं खनिज साधन मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्रम श्री सचिन सिन्हा, प्रमुख सचिव जनसंपर्क श्री राघवेन्द्र सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संबल उनके अंतर्मन से निकली गरीबों के कल्याण की विशिष्ट योजना है। इसकी रिपैकेजिंग कर लागू करने का कार्य किया जाएगा। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए एक अप्रैल 2018 से शुरू की गई इस योजना में ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाते हैं, जिन्हें पी.एफ, ग्रेच्युटी और ई.एस.आई का लाभ नहीं मिलता है, जो शासकीय सेवक, आयकरदाता न हो और एक हेक्टेयर से कम भूमिधारक हो। योजना में पात्र हितग्राहियों के नाम भी जोड़े जाएंगे। वर्तमान वित्त वर्ष में अनुग्रह योजना में सहायता के 23 हजार प्रकरण मंजूर किए गए हैं।

श्रमोदय आवासीय विद्यालयों के संचालन में अग्रणी बने प्रदेश

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में संचालित श्रमोदय विद्यालय देश के श्रेष्ठ विद्यालय बनें, इस दिशा में प्रयास किए जाएँ। इन विद्यालयों को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाए। श्रमिकों के बच्चों के लिए पब्लिक स्कूल की तरह सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाते हुए शिक्षाविदों से भी विद्यालयों को जोड़ा जाए। इनके प्रबंधन के कार्यों में सेवाभावी शिक्षण संस्थाओं को जोड़ने पर भी विचार किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विद्यालयों का ऐसा प्रबंधन हों कि विद्यार्थियों को अच्छे संस्कार और शिक्षा दोनों का लाभ मिले।

आत्म-निर्भर भारत रोजगार योजना में प्रदेश के डेढ़ करोड़ श्रमिक लाभान्वित

बैठक में बताया गया कि आत्म-निर्भर भारत रोजगार योजना में कोरोना काल में 15 हजार रूपए से कम वेतन वाले कर्मचारियों को टेक होम वेतन में सुधार के लिए भारत सरकार से आर्थिक सहयोग मिला। एक हजार से अधिक कर्मचारियों वाले संस्थान में कर्मचारियों का 12 प्रतिशत हिस्सा और एक हजार से कम कर्मचारियों वाले संस्थान में नियोक्ता और कर्मचारियों के पारिश्रमिक का 24 प्रतिशत हिस्सा सहयोग के रूप में प्रदान किया गया। मध्यप्रदेश में गत माह तक 4 हजार 917 संस्थानों के एक करोड़ 47 लाख 364 श्रमिकों को 116 करोड़ 21 लाख रूपए की राशि प्रदान की गई है। योजना में कोविड के बाद रिकवरी को ध्यान में रखते हुए लाभार्थियों की रजिस्ट्रेशन अवधि में 31 मार्च 2022 तक वृद्धि की गई है। योजना 01 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक लागू थी, जिसका लाभ नए कर्मचारियों को 30 जून 2023 तक प्राप्त होगा। यह योजना केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के माध्यम से चलाई जा रही है।

ई-श्रम पोर्टल

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिए ई-श्रम पोर्टल निर्मित किया है। मध्यप्रदेश के भवन संनिर्माण और संबल योजना के 1 करोड़ 54 लाख असंगठित श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल से आधार ई-केवायसी करने की पहल हुई है। इसके लिए सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं।

कौशल प्रशिक्षण

बैठक में बताया गया कि नवीन कौशल प्रशिक्षण योजना में लघु अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे। वर्तमान वित्त वर्ष में करीब 10 हजार और अगले वित्त वर्ष में करीब 20 हजार को लघु अवधि कौशल प्रशिक्षण देने की योजना है। इनमें कृषि, वस्त्र निर्माण, गृह सज्जा, आई.टी., सिक्योरिटी, टूरिज्म और बैंकिंग आदि क्षेत्रों का प्रशिक्षण शामिल है। इसी तरह पंजीकृत श्रमिकों के प्रतिभाशाली बच्चों के लिए जेईई एवं नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग स्कीम प्रस्तावित है। बैठक में वाराणसी के मुख्यमंत्री कॉनक्लेव में प्रस्तुत मध्यप्रदेश के श्रम सुधारों संबंधी प्रतिवेदन पर भी चर्चा हुई। मध्यप्रदेश ने राजस्थान सहित कई राज्यों के पूर्व ही जरूरी श्रम सुधार का निर्णय लिया। बैठक में नवीन श्रम संहिताओं के प्रावधानों पर भी चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश

  • श्रमिकों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

  • विदिशा जिले में विवाह योजना में अनियमितताओं के दोषियों को दंडित किया जाए।

  • प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का लाभ अधिक से अधिक श्रमिकों को दिलवाएँ।

  • श्रम कल्याण क्षेत्र में नवाचार भी अपनाएँ।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश