Posted on 16 Aug, 2022 8:58 pm

सकल घरेलू उत्पाद के आकलन के लिए सॉफ्टवेयर बनाने से डाटा की पहचान, ऑनलाइन और ऑफलाइन डाटा बेस तैयार करने और डाटा का आदान-प्रदान करने में मदद मिलेगी। साथ ही विभिन्न स्तरों पर डाटा की शुद्धता भी सुनिश्चित हो सकेगी। आर्थिक-सांख्यिकी संचालनालय द्वारा प्रशासन अकादमी में "मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने की कार्य पद्धति एवं गणना" विषयक कार्यशाला के पहले दिन विशेषज्ञों ने यह विचार व्यक्त किये। कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को वित्त, वाणिज्यिक कर एवं योजना, आर्थिकी एवं सांख्यिकी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा सत्र को संबोधित करेंगे।

कार्यशाला में आर्थिक-सांख्यिकी संचालनालय के दैनंदिन कार्यों और विशेष परियोजनाओं में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने संबंधी प्रेजेंटेशन भी प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला में आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी श्री अभिषेक सिंह, मैप आईटी के श्री अभिजीत अग्रवाल, सदस्य सचिव राज्य नीति एवं योजना आयोग श्री स्वतंत्र कुमार सिंह ने विचार रखे।

कार्यशाला के पहले दिन विषय-विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्र में आर्थिक-सांख्यिकी विभाग के मैदानी अधिकारियों को मार्गदर्शन दिया। पहले सत्र में जीवनांक सांख्यिकी के संकलन एवं महत्व पर बताया गया कि जन्म पंजीयन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह एक मात्र प्रमाणित दस्तावेज है। यह राशन कार्ड में नाम दर्ज कराने, स्कूल में प्रवेश, विदेश यात्राओं के लिए जरूरी दस्तावेज बनवाने, मतदान अधिकार प्राप्त करने, वृद्धावस्था पेंशन और जीवन बीमा के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही मृत्यु संबंधी पंजीयन भी जरूरी रिकार्ड है जो पैतृक सम्पत्ति के निराकरण, कोर्ट में साक्ष्य, जीवन बीमा, बैंक खाता संबंधी प्रकरण और दुर्घटना में मृत्यु होने पर मुआवजा प्राप्ति में आवश्यक होता है।

डॉ. व्ही.एस. धपानी संयुक्त संचालक आर्थिक एवं सांख्यिकी ने दूसरे और तीसरे सत्र में "वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण एवं जिला आय का अनुमान" पर और श्री जे.पी. परिहार पूर्व संयुक्त संचालक आर्थिक-सांख्यिकी ने "बजट तैयार करने की कार्य पद्धति" पर प्रकाश डाला।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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