Posted on 03 Aug, 2019 2:23 pm

राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने कहा है कि चुनाव में डिप्टी कलेक्टर्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि जिले का मुखिया तो कलेक्टर होता है, लेकिन फील्ड में डिप्टी कलेक्टर्स को ही समस्याओं से निपटना पड़ता है। श्री सिंह ने प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर्स के लिये आयोजित निर्वाचन संबंधी प्रशिक्षण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन से संबंधित दी जा रही ट्रेनिंग को गंभीरता से ग्रहण करें। यह ट्रेनिंग शासकीय सेवा में अगले25 वर्ष तक काम आयेगी।

क्रिमिनल प्रोसीजर कोड का अध्ययन जरूरी

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि सभी डिप्टी कलेक्टर्स क्रिमिनल प्रोसीजर कोड का अध्ययन जरूर करें। उन्होंने कहा कि इससे न्यायालयीन कार्य दक्षता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए इसका मॉड्यूल बनाया गया है।

श्री बसंत प्रताप सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के आई.टी. एप्लीकेशन को ध्यान से समझें, यह बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि ई.व्ही.एम. के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि ई.व्ही.एम. में कोई भी टेंपरिंग होती है, तो वह फेक्ट्री मोड में चली जाती है। इसका अर्थ यह है कि वह फैक्ट्री में ही सुधारी जा सकती है। श्री सिंह ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान किसी विषय पर कोई शंका हो, तो उसका समाधान जरूर करें।

प्रशिक्षण में उप सचिव श्री अरूण परमार ने स्थानीय निर्वाचन में राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका के बारे में बताया। उप सचिव श्रीमती अजीजा सरशार जफर ने आई.टी. में नवाचार और श्री सुतेश शाक्य ने सेंस से संबंधित गतिविधियों की जानकारी दी।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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