Posted on 28 Aug, 2024 3:43 pm

अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों की शिक्षा का बढ़ावा देने के लिये राज्य शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसमें मुख्य रूप से विद्यार्थियों के आवास की सुविधा तथा पढ़ाई के लिये अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने की दृष्टि से बालक एवं बालिकाओं के लिये अलग-अलग जूनियर, सीनियर और महाविद्यालयीन छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। इन छात्रावासों में भोजन की नि:शुल्क सुविधा दी जाती है।

अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये वर्तमान में जूनियर,सीनियर (उत्कृष्ट छात्रावास) महाविद्यालयीन और ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश में जूनियर छात्रावास 256, सीनियर छात्रावास 633, महाविद्यालयीन छात्रावास 108 और ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय छात्रावास 10, इस प्रकार कुल 1 हजार 933 छात्रावासों का संचालन किया जा रहा हैं। इन छात्रावासों में बालक छात्रावास में 51 हजार 146 और बालिका छात्रावास में 49 हजार 6, इस प्रकार कुल एक लाख 152 छात्र-छात्राओं के लिये सीट उपलब्ध हैं। योजनान्तर्गत शाकसीय संस्थाओं में स्वीकृत सीट एक लाख 152 के विरूद्ध 80 हजार 986 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है।

अनुसूचित जाति वर्ग के मेधावी छात्र-छात्राओं के गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक विकास करने की दृष्टि से विभाग द्वारा राज्य के 29 अनुसूचित जाति बाहुल्य जिलों में एक बालक तथा एक बालिका, कुल 58 जिला स्तरीय उत्कृष्ट छात्रावास संचालित हैं। इसके अलावा 37 जिलों के विकासखंड मुख्यालयों में बालक एवं बालिका वर्ग के 271 विकासखंड स्तरीय उत्कृष्ट छात्रावास संचालित हैं। इन छात्रावासों में गुणवत्ता की दृष्टि से नाश्ता, पौष्टिक भोजन, आवास व्यवस्था, विषयवार कोचिंग, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, लाइब्रेरी, खेल-कूद सामग्री आदि सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इन छात्रावासों के विद्यार्थियों के लिये अच्छी शिक्षा एवं विशेष कोचिंग की दृष्टि से अंग्रेजी, विज्ञान और गणित विषय में कोचिंग दी जाती हैं। इन छात्रावासों में रह कर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को 2 हजार रूपये के मान से प्रतिवर्ष स्टेश्नरी तथा अन्य शिक्षण सामग्री क्रय करने के लिये राशि भी दी जाती है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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