Posted on 06 May, 2020 5:56 pm

मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने कोरोना महामारी के कारण रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़े विपरीत प्रभाव को देखते हुए राहत देने का निर्णय लिया है। इसके मद्देनजर पंजीकृत परियोजनाओं को पंजीयन अवधि में गत 15 मार्च से 6 माह की छूट प्रदान की है। बिल्डर तथा ऐजेंट को रिटर्न जमा करने की तारीख भी 30 जून 2020 तक बढाई गई है। प्राधिकरण के इस निर्णय से प्रदेश की पंजीकृत करीब 3000 परियोजनाओं को लाभ मिलेगा। प्राधिकरण का यह निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर को पुनर्जीवित करने में भी सहायक होगा।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गत 19 फरवरी को कोरोना त्रासदी को फोर्स मेज्योर की श्रेणी मे रखा गया है। साथ ही उद्योगों को इसके प्रभाव से निपटने के लिये अनेक राहत एवं छूट प्रदान की गई है। रिर्जव बैंक ने भी सभी बैंको को उनके द्वारा प्रदाय निश्चित अवधि के ऋण तथा मासिक ईएमआई के भुगतान पर भी तीन महीने की मोहलत दी है। आवासीय एवं नगरीय विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधीन गठित केन्द्रीय सलाहकार समिति ने भी कोरोना त्रासदी के मद्देनजर प्रोजेक्ट के पंजीकृत को 6 माह का विस्तार देने की अनुंशसा की है। इस संबंध में सम्प्रवर्तकों की अनेक संस्थाओं ने भी प्राधिकरण को राहत देने के लिए अभ्‍यावेदन दिये थे।

प्राधिकरण ने यह निर्णय लिया है कि जिन परियोजनाओं की पूर्णता गत 15 मार्च और उसके बाद होनी थी उनका पंजीयन, समाप्ति दिनांक से 6 माह के लिए बढ़ाया जायें। रेरा में जिन परियोजनाओं के पंजीयन में विस्तार संबंधी आवेदन विचारधीन हैं, उनकी पंजीयन अवधि में 6 माह का अतिरिक्त विस्तार नि:शुल्क दिया जाये। साथ ही जिनके पंजीयन गत 15 मार्च के पहले समाप्त हो गये थे एवं जिनके द्वारा अभी तक विस्तार के लिये प्राधिकरण में आवेदन नहीं किया गया है, ऐसी परियोजनाओं द्वारा विस्तार चाहे जाने पर उनकी अंतिम वैधता अवधि में भी 6 माह का विस्तार अतिरिक्त रूप से प्रदान किया जाये।

सम्प्रवर्तक एवं ऐजेंट को जो वैधानिक आवश्यक जानकारियाँ 31 मार्च या उसके बाद प्रस्तुत करनी थी, उनकी अंतिम तिथि भी 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। विस्तार संबंधी आदेश उन सभी क्रेता-विक्रेता अनुबंधों पर भी लागू होगा जो गत 15 मार्च के पहले संपादित हुए हैं, पर जिनकी पूर्णता अवधि 15 मार्च 2020 के बाद नियत है। ऐसे अनुबंधों के लिये सहमत निर्माण अवधि में 6 माह का विस्तार मान्य किया जायेगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश