Posted on 19 Nov, 2019 5:36 pm

राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत शहरी आवासहीन गरीब परिवारों के स्थायी व्यवस्था के लिए इस योजना का विस्तार किया गया है। इस योजना से गरीब परिवारों को भू-अधिकार मिलेगा। अपनी जमीन पर मकान बनाने का सपना पूरा होगा। भविष्य के प्रति निश्चिंतता भी आएगी। जिले के 08 हजार 205 परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा और अपनी जमीन पर घर का सपना साकार होगा।  
        छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय विकास  प्रशासन से जारी निर्देश के अनुसार नगरीय निकायों में  बिना पट्टा के दिनांक 19 नवंबर 2018 तक निवासरत झुग्गीवासियों को स्थायी पट्टा दिया जाएगा। निवासरत परिवार का उस पते के आधार पर राशन कार्ड जमा करना होगा। राशन कार्ड नहीं होने के स्थिति में अन्य प्रमाणिक दस्तावेज के आधार पर पट्टा प्रदान  किया जाएगा। सामान्यतः 450 वर्गफीट तक की भूमि का पट्टा प्रदान करने का प्रावधान है। झुग्गीवासी के अधिभोग  में 450 वर्गफुट से अधिक भूमि होेने की स्थिति में नगर पंचायत में 1000 वर्गफुट तथा नगर पालिका में 800 वर्गफुट तक प्रदान किया जा सकेगा। शासन के निर्देशानुसार नगर पंचायत में 05 रूपए प्रति वर्गफुट तथा नगर पालिका में 10 रूपए प्रति वर्गफीट की दर से विकास शुल्क आगामी दस वर्षो तक लिया जाएगा। इसके अलावा कोई प्रब्याजी या भू-भाटक नहीं वसूला जाएगा। झुग्गी में रह रहे किराएदार को पट्टे की पात्रता होगी। झुग्गी किराए पर देेने की स्थिति में झुग्गी मालिक को पट्टा नहीं दिया जाएगा। पट्टे के लिए बालिग महिला सदस्य का नाम सम्मिलित होगा। यथा संभव झुग्गीवासियो को उसी स्थान पर व्यवस्थित करने का प्रयास किया गया है।  व्यापक जनहीत में आवश्यक होेने की स्थिति में झुग्गी को अन्यत्र स्थानांतरण भी किया जा सकेगा। यह निर्णय उच्च स्तरीय समिति द्वारा लिया जाएगा। सड़क, तालाब, नहर तथा सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर काबिज होने की स्थिति में अन्यत्र व्यवस्थापन का निर्णय लिया जा सकेगा। अस्थायी पट्टा जारी करने के पूर्व प्राधिकृत अधिकारी पात्र व्यक्तियों के नाम, भूमि का विवरण, पट्टा हेतु रकबा, का वितरण, वार्ड/बस्ती के नाम के साथ सूची का प्रकाशन कर दावा-आपत्ति ली जाएगी। झुग्गीवासियों को आगामी 25 नवंबर तक पट्टा वितरण के भी निर्देश दिए गए हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़