Posted on 14 Dec, 2017 3:55 pm

छिंदवाड़ा जिला मल्टीक्रोप जोन है। यहां विविध फसलें पारंपरिक और वैज्ञानिक तरीके से उगाई जाती हैं। उन्ही में से एक फसल गन्ना है। गन्ने की पैदावार जिले में अपनी विशिष्ट पहचान बनाये हुये है। जिला प्रशासन ने मिल मालिकों और किसान नेताओं के साथ बैठक कर गन्ना उत्पादक कृषकों की समस्याओं और मिल मालिकों की मांग एवं दर को लेकर लंबी चर्चा की। इस चर्चा के बाद गन्ना की खरीदी की दर 300 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई जो गत वर्ष से अधिक है। इससे कृषकों में उत्साह और प्रसन्नता स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है।

जिले में इस वर्ष किसानों ने लगभग 10 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में ही गन्ना की रोपाई की है जो पिछले साल की तुलना में कम है। गन्ना नगदी फसल है और इसे बढ़ावा देने के लिये इसके अच्छे दाम की आशा होना स्वाभाविक है। मिल मालिकों द्वारा गन्ने का रेट एक सत्र में दो बार निर्धारित किया जाता है। सामान्यत: दूसरे सत्र में गन्ना का रेट संतोषजनक ही रहता है। इस बार भी गन्ना का रेट बढ़ने की संभावाना है। जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि क्षेत्र के गन्ना खरीदी के उपरांत ही बाहर के गन्ना की खरीदी की जाएगी। साथ ही, यदि भवष्यि में शक्कर के रेट परिवर्तित होते हैं, तो पुन: इस संबंध में चर्चा की जाएगी।

मिल मालिकों ने 12 दिसम्बर से गन्ना खरीदी प्रारंभ कर दी है। एक गन्ना सामान्यत: दो से 7 किलो के वजन का होता है और 20 या 22 गन्ने का वजन प्राय: एक क्विंटल हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में किसानों को एक गन्ने का औसत भाव अच्छा मिलता है। गन्ना उत्पादक किसान अपनी उपज का सही दाम मिलने से अब प्रसन्न है। उनकी प्रसन्नता इस बात के संकेत देती है कि भविष्य में भी अच्छे दाम मिलने पर वे गन्ना क्षेत्र का रकबा बढ़ायेंगे।

सफलता की कहानी (छिंदवाड़ा)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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