Posted on 31 Dec, 2021 8:23 pm

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि लोकतंत्र में जनता ही सरकार की सबसे बड़ी ताकत है। जनता का सहयोग सरकार के संकल्प को सिद्धि में बदल देता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने देश के समक्ष जन-भागीदारी से जन-कल्याण का अनूठा मॉडल प्रस्तुत किया है। प्रदेश में नीति निर्माण से लेकर, निर्णय लेने, योजनाओं के क्रियान्वयन तथा उनकी मॉनीटरिंग तक में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है। कोविड संकट काल में मध्यप्रदेश में जन-भागीदारी से कोविड पर प्रभावी नियंत्रण की पूरे देश में सराहना हुई है।

नीति निर्माण में जन-भागीदारी

मध्यप्रदेश में नीति निर्माण एवं जन-कल्याण की विभिन्न योजनाएँ बनाये जाने में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विभिन्न वर्गों की महापंचायतों का आयोजन किया गया तथा उनमें प्राप्त सुझावों के आधार पर योजनाएँ बनाई गईं। प्रदेश में किसान, गरीब, मजदूर, स्व-सहायता समूह, महिला, आदिवासी, शिल्पी, अनुसूचित जाति, कोटवार, घरेलू कामकाजी महिला, हाथ-ठेला एवं रिक्शा-चालक, केश-शिल्पी, वकील, खिलाड़ी, कारीगर, मछुआ, विद्यार्थी, वृद्धजन आदि विभिन्न पंचायतों का सफलता से आयोजन किया गया। लाड़ली लक्ष्मी, संबल, मेधावी विद्यार्थी, मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन जैसी योजनाएँ इन्हीं पंचायतों की देन हैं।

निर्णय लेने एवं क्रियान्वयन में जन-भागीदारी

प्रदेश में जन-कल्याण के विभिन्न निर्णय लेने एवं उनके क्रियान्वयन में जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। कोविड प्रबंधन, कोविड वैक्सीनेशन, अंकुर जैसे कार्यक्रमों में जन-भागीदारी देश में मिसाल बनी है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने एवं उपचार के लिये जिला, विकासखण्ड, ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर 30 हजार 600 क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों का गठन कर उनके माध्यम से प्रभावी कार्य किया गया। इन समूहों में प्रशासन के अधिकारी एवं जन-प्रतिनिधियों के साथ धर्मगुरु, गणमान्य नागरिक, स्वयंसेवक, विशेषज्ञ चिकित्सक आदि शामिल हुए। "मैं कोरोना वॉलेंटियर'' अभियान में कोविड जागरूकता के लिये लगभग एक लाख 43 हजार व्यक्तियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। "योग से निरोग'' कार्यक्रम के द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे लगभग 2 लाख कोविड मरीजों को 3 हजार योग प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिदिन योग-अभ्यास ऑनलाइन करवाया गया। "युवा शक्ति - कोरोना मुक्ति'' अभियान में 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों को कोविड टीकाकरण एवं कोविड अनुकूल व्यवहार का प्रशिक्षण दिया गया।

कोविड टीकाकरण में प्रदेश में जन-भागीदारी का अद्भुत उदाहरण देखा गया। प्रदेश में जहाँ शुरू के 4 महीनों में कोविड वैक्सीन के एक करोड़ डोज लगे, बाद में जन-भागीदारी के कारण प्रत्येक माह एक करोड़ से अधिक डोज लगे। यह जन-भागीदारी का ही नतीजा है कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन के कुल 10 करोड़ 24 लाख डोज लगाये जा चुके हैं। प्रदेश की 5 करोड़ 21 लाख 668 जनसंख्या को कोविड वैक्सीन के दोनों डोज़ लगाये जा चुके हैं।

कोविड प्रबंधन में भी जनता की सक्रिय भागीदारी रही। कोरोना कर्फ्यू लगाने अथवा हटाने के निर्णय से लेकर कांटेक्ट ट्रेसिंग, सेम्पलिंग, टेस्टिंग में सहयोग, होम आइसोलेशन के प्रकरणों की निगरानी, कोरोना मेडिकल किट वितरण, कोरोना केयर सेंटर्स की व्यवस्थाएँ, कोविड अनुकूल व्यवहार के लिये जन-सामान्य को जागरूक करना, टीकाकरण के प्रति भय और भ्रम को मिटाना एवं टीकाकरण केन्द्रों की व्यवस्थाओं तक में जनता ने उत्साह के साथ सफलता से कार्य किया।

पर्यावरण सुधार के लिये प्रदेश के हरित क्षेत्र और प्राण वायु की वृद्धि के लिये अंकुर कार्यक्रम भी प्रदेश में जन-भागीदारी की अनूठी मिसाल है। यह कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस-5 जून, 2021 से प्रारंभ किया गया। "वायुदूत-अंकुर'' मोबाइल एप के माध्यम से नागरिकों का पंजीयन किया गया। नागरिक अपने संसाधनों से पौधे लगाते हैं एवं मोबाइल एप पर फोटो अपलोड करते हैं। पौध-रोपण के 30 दिन और 180 दिन बाद उसी पौधे का फोटो फिर से अपलोड करते हैं। इस कार्य में नागरिकों को प्रोत्साहित किये जाने के लिये उन्हें प्राण-वायु पुरस्कार एवं डिजिटल प्रमाण-पत्र दिये जा रहे हैं। वृक्षारोपण करने वालों को वृक्ष-वीर एवं वृक्ष-वीरांगना कहा जा रहा है। प्रदेश में अब तक 3 लाख 8 हजार नागरिक पंजीकृत हुए हैं तथा 4 लाख 39 हजार पौधे लगाये जा चुके हैं। अंकुर कार्यक्रम में फरवरी-2022 तक 10 हजार पौधे लगाये जाने का लक्ष्य है।

मॉनीटरिंग में जन-भागीदारी

प्रदेश में विभिन्न शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों के सुचारु क्रियान्वयन एवं उनकी मॉनीटरिंग के उद्देश्य से ग्राम पंचायत, विकासखण्ड, नगर परिषद, नगरपालिका, नगर निगम, जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर दीनदयाल अंत्योदय समितियाँ गठित की गई हैं। इन समितियों में जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा अशासकीय सदस्यों का नामांकन किया जाता है। ये समितियाँ जन-भागीदारी द्वारा विभिन्न शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग कर रही हैं। राशन वितरण, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, छात्रवृत्ति वितरण, संबल योजना आदि की प्रभावी मॉनीटरिंग इन समितियों द्वारा की जा रही है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश