Posted on 03 Jul, 2024 3:18 pm

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में मंत्रालय में बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग की "पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस" योजनांतर्गत चयनित 55 महाविद्यालयों में चरणबद्ध रूप से अधोसंरचना विकास की आदर्श अवधारणा संबंधी बैठक हुई। मंत्री श्री परमार ने "पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस" में अध्ययन कक्ष, प्रयोगशाला, फैकल्टी, लाइब्रेरी, रिसर्च लैब, स्किल डेवलपमेंट लैब, लैंग्वेज लैब, हॉस्टल्स, ऑडिटोरियम, कैंटीन, हेल्थ सुविधाएं, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, फायर सेफ्टी प्रावधान, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग एवं बाउंड्री वॉल आदि समस्त विषयों पर बिंदुवार चर्चा कर गुणवत्तापूर्ण अधोसंरचना विकास के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने प्राध्यापकों के उत्तम प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों के समायोजन के साथ प्राध्यापक प्रशिक्षण नीति बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि ऑफलाइन प्रशिक्षण में भारतीयता के भाव अनुरूप परिवेश आधारित प्रशिक्षण पद्धति विकसित की जाए। प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों में "विद्यावन" विकसित किए जाने के लिए विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, जनभागीदारी समिति अध्यक्षों सहित समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने को भी कहा।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि "पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस" में चयनित महाविद्यालयों में प्रत्येक संभाग स्तर एक महाविद्यालय को आदर्श संस्थान के रूप में प्राथमिकता में लेकर विकसित किया जाए, जिसमें यूजीसी के समस्त मापदंडों का अनुपालन भी हो। इससे अभिरप्रेरणा स्वरूप अन्य महाविद्यालयों के अधोसंरचना विकास को गति और दिशा मिलेगी। श्री परमार ने कहा कि संस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं में आयुष चिकित्सा पद्धति को भी सम्मिलित किया जाए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में उच्च गुणवत्ता के मूल्यों को स्थापित करने के लिए आवश्यक हर संभव क्रियान्वयन किया जाए।

इस अवसर पर मंत्री श्री परमार ने उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान, भोपाल की वार्षिक पत्रिका "एक्सल एसेंस (Excel Essence)" का विमोचन भी किया।

इस बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री के सी गुप्ता एवं आयुक्त उच्च शिक्षा श्री निशांत बरबड़े, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी श्री मनोज अग्निहोत्री, श्री राकेश श्रीवास्तव एवं उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान, भोपाल के संचालक डॉ प्रज्ञेश कुमार अग्रवाल सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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