Posted on 04 Dec, 2017 8:22 pm

प्रदेश में स्कूल शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिये ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में स्कूल शिक्षा विभाग ने शाला सिद्धि कार्यक्रम प्रदेश के 25 हजार सरकारी शालाओं में लागू किया है। शाला सिद्धि कार्यक्रम में चिन्हित की गई प्रत्येक शासकीय शाला की सुधार योजना तैयार की गई है। कार्यक्रम में इस वर्ष 15 हजार शासकीय शालाओं को स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा गोद लिया जायेगा और इसी शिक्षण सत्र में इन शालाओं का उन्नयन भी किया जायेगा।

प्रत्येक जिले में संकुल स्तर से जिला स्तर तक के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा एक या दो स्कूल गोद लेकर शिक्षकों के साथ सक्रिय भागीदारी करते हुए विद्यालय मित्र के रूप में कार्य करने का संकल्प लिया गया है। प्रतिभा पर्व के पहले चरण में 5 दिसम्बर से आने वाले 3 दिन में प्रत्येक अधिकारी द्वारा गोद ली गई शालाओं में से एक माध्यमिक शाला में कक्षा 6 और 7 के विद्यार्थियों के गणित और विज्ञान विषय का मूल्यांकन किया जायेगा। यह मूल्यांकन उसी तरह किया जायेगा जैसे राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में किया जाता है। प्रतिभा पर्व में करीब 8 हजार 500 सरकारी विद्यालयों में बाह्य मूल्यांकनकर्ता बच्चों का मूल्यांकन करेंगे। मूल्यांकन के बाद छात्रों की उत्तर पुस्तिका का स्व-मूल्यांकन कर ग्रेड निकाला जायेगा। शाला स्तर पर तैयार की गई ओएमआर शीट का राज्य स्तर पर विश्लेषण किया जायेगा।

प्रदेश में राज्य शिक्षा केन्द्र के अंतर्गत अधिकारियों को भी शाला मित्र के रूप में चयनित शालाओं में पहुँचने के निर्देश दिये गये हैं। प्रतिभा पर्व 5,6 और 7 दिसंबर को तीन दिनों तक होगा। प्रतिभा पर्व के पहले दो दिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से विषयवार चर्चा कर मूल्यांकन किया जायेगा। तीसरे दिन चयनित शाला में बालसभा को वार्षिक उत्सव के रूप में मनाया जायेगा। वार्षिक उत्सव में बच्चों के पालकों को भी आमंत्रित किया गया है। इनकी उपस्थिति में सांस्कृतिक, साहित्यिक और खेलकूद की गतिविधियाँ होंगी। इसी दिन जन-प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करने के निर्देश दिये गये हैं। जन-प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया जायेगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent