PRAGATI video conference-प्रगति वीडियो कान्फ्रेंस
Posted on 25 May, 2016 3:30 pm
Prime Minister Shri Narendra Modi discussed various pending schemes with Chief Secretaries of states during PRAGATI video conference today. The Prime Minister sought information about waste disposal in urban areas. Chief Secretary Shri Anthony de Sa informed about works done in Madhya Pradesh. He informed the Prime Minister that plastic has been used in construction of about 2000 km long roads in Madhya Pradesh under Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana.
CS informed that there are 378 urban bodies in Madhya Pradesh. Of these, 'waste to energy' and 'waste to compost' are being operated in 2 urban bodies - Jabalpur and Indore, respectively. An action plan has been chalked out to start use of waste in remaining 376 urban bodies as well. The state has been divided into 26 clusters. Of these, 'waste to compost' will be operated in 26 urban bodies and 'waste to energy' in 6 urban bodies. Works will be undertaken by inviting cluster-wise tenders. This process will be completed in all clusters by year 2018. CS informed that after success of the two projects, such initiative is being taken in remaining urban bodies. Its implementation will begin soon in 16 urban bodies of Sagar and Katni clusters.
Information about Jabalpur project reaches entire country
Prime Minister Shri Modi intently heard details about generation of power from waste in Madhya Pradesh. He desired other states to chalk out such action plans. Under 'waste to energy' project, there is a provision to make available waste to the vendor everyday. At present, Jabalpur Municipal Corporation is providing 350-400 MT waste daily to the vendor. After start of door-to-door waste collection in the city, quality of waste to be provided to the vendor will increase to 450 MT per day. Besides, waste of last 6 years is present at landfill sites. It is also being used by the vendor. Plant of 'waste to energy' can work with its full capacity for 3 years using this waste alone since this waste has calorific value. Jabalpur city has 79 wards having total population of 14 lakh. In 41 wards, sanitation work is done by regular and contractual sanitary workers of Jabalpur Municipal Corporation and through various registered societies in remaining 38 wards on collector's rate. Along with general cleaning works, drains and nullahs in wards are also being regularly cleaned. Plant situated at Kathonda in Jabalpur is generating power regularly since May 11. Maximum one lakh 10 thousand 200 units of power was generated on a single day. About 11 MW power is expected to be generated per day.
Gujarat's Chief Secretary informed during video conference that Gujarat will replicate work done in Madhya Pradesh in this field.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रगति वीडियो कान्फ्रेंस में राज्यों के मुख्य सचिवों से लंबित विभिन्न परियोजना के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने शहरी क्षेत्र में कचरे के निपटान के संबंध में भी राज्यों में किए जा रहे कार्य की जानकारी ली। इस दौरान मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा ने मध्यप्रदेश में हुए कार्य की जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लगभग 2000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग किया गया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि मध्यप्रदेश में 378 नगरीय निकाय हैं। इनमें 2 निकाय जबलपुर और इंदौर में क्रमश: वेस्ट टु एनर्जी और वेस्ट टु कम्पोस्ट का उपयोग हो रहा है। शेष 376 निकाय में भी कचरे का उपयोग प्रारंभ करने के लिए कार्य-योजना बनाई गई है। राज्य को 26 कलस्टर में बाँटा गया है। इनमें 20 कलस्टर में वेस्ट टु कम्पोस्ट और 6 कलस्टर में वेस्ट टु एनर्जी का उपयोग होगा। क्लस्टरवार टेंडर बुलवाकर कार्य किया जाएगा। वर्ष 2018 तक सभी क्लस्टर्स में यह कार्यवाही पूर्ण होगी। मुख्य सचिव ने बताया कि मध्यप्रदेश में दो प्रोजेक्ट का कार्य सफलता से संचालित होने के बाद अन्य निकायों में ऐसी पहल की जा रही है।
इंदौर में वर्तमान में 350 टन कचरे के निष्पादन का कार्य हो रहा है। शीघ्र ही यह क्षमता 500 मीट्रिक टन की हो जाएगी। जून से भोपाल और रीवा क्लस्टर के 36 निकाय वेस्ट टु एनर्जी पर अमल शुरू करेंगे। सागर और कटनी क्लस्टर के 16 नगरीय निकाय में भी क्रियान्वयन शीघ्र ही शुरू हो रहा है।
पूरे देश में पहुँची जबलपुर प्रोजेक्ट की जानकारी
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आज मध्यप्रदेश में कचरे से बिजली बनाने की शुरूआत का ब्यौरा जिज्ञासापूर्वक सुना। उन्होंने अन्य प्रांतों में ऐसी कार्य-योजनाएँ बनाने की अपेक्षा की। गारबेज प्रोसेसिंग के लिए वेस्ट टु एनर्जी प्रोजेक्ट के तहत प्रतिदिन वेंडर को कचरा उपलब्ध करवाने का कमिटमेंट है। वर्तमान में जबलपुर में नगर निगम 350-400 टन के बीच कचरे की मात्रा प्रति दिवस पहुँचा रहा है। जल्द ही पूरे शहर में डोर टु डोर संग्रहीत किए जाने के बाद 450 टन तक पहुँचेगा। अभी पाँच वार्ड में डोर टु डोर कचरा संग्रहण हो रहा है। इसके अतिरिक्त लेंड फिल साइट पर पिछले छ: वर्ष का कचरा पहले से एकत्रित है। इसका उपयोग भी वेंडर द्वारा किया जा रहा है, सिर्फ इसका उपयोग कर आने वाले दो-तीन सालों तक वेस्ट टु एनर्जी प्लांट अपनी पूरी केपेसिटी को प्रयोग कर सकता है। जबलपुर शहर में कुल 79 वार्ड हैं। इनमें लगभग 14 लाख की जनसंख्या निवास करती है। इनमें से 41 वार्ड की सफाई का कार्य निगम के नियमित एवं संविदा सफाई संरक्षकों द्वारा एवं शेष 38 वार्डों की सफाई का कार्य विभिन्न पंजीकृत समितियों के माध्यम से कलेक्टर दर पर श्रमिक लगाकर करवाया जा रहा है। वार्डों में सामान्य सफाई के साथ ही यहाँ स्थित नाले-नालियों की सफाई का कार्य नियमित रूप से करवाया जाता है। जबलपुर में कठोंदा में प्रारंभ संयंत्र द्वारा गत 11 मई से निरंतर बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। एक दिन में अधिकतम 1 लाख 10 हजार 200 यूनिट तक उत्पादन हुआ है। करीब 11 मेगावाट प्रतिदिन विद्युत उत्पादन का अनुमान है।
वीडियो कान्फ्रेंस में गुजरात के मुख्य सचिव ने कहा कि वे गुजरात में मध्यप्रदेश के कार्य का अनुसरण करेंगे।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश