प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना
Posted on 19 Feb, 2024 8:29 pm
जनजातीय वर्ग के हितों की रक्षा एवं समग्र विकास के लिये भारत सरकार द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) प्रारंभ की गई है। इस योजना में मध्यप्रदेश के 47 जिलों के जनजातीय बाहुल्य 7 हजार 307 गांव चुने गये हैं। योजना के तहत पाँच सालों में 20 लाख 38 हजार रूपये प्रति ग्राम के मान से चयनित गांवों में कई विकास कार्य कराये जाएंगे। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत बड़वानी, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, दमोह, गुना, खण्डवा, नरसिंहपुर, राजगढ़, सिंगरौली, विदिशा, रीवा, झाबुआ, धार एवं श्योपुर कुल 15 जिलों के 2 हजार 523 गांवों में 494 करोड़ 32 लाख 45 हजार रूपये की लागत से सभी जरूरी बुनियादी सुविधाओं के अलावा कौशल उन्नयन कार्य भी कराये जा रहे हैं। जारी साल में अनूपपुर, मुरैना, सतना एवं सीधी कुल चार जिलों के 358 गांवों में विकास कार्यों के लिये 72 करोड़ 96 लाख रुपये की कार्य-योजना तैयार कर मंजूरी के लिये भारत सरकार को भेजी गई है। इस योजना में प्रदेश के चयनित 30 जिलों के शेष 4 हजार 416 गांवों की कार्य-योजना ग्राम स्तर से ही तैयार कराई जा रही है। ज्ञात हो कि श्योपुर जिले के चयनित कुल 82 गांवों में से 80 गांवों की कार्य-योजना वर्ष 2022-23 में ही स्वीकृत हो चुकी है। सीधी जिले के चयनित कुल 97 गांवों में से 75 गांवों की कार्य-योजना तैयार कर पहले ही भारत सरकार को भेजी जा चुकी है, जिसकी मंजूरी मिलना शेष है।
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की यह योजना वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 के दौरान अमल में लाई जाएगी। इस योजना का उद्देश्य 4 करोड़ 22 लाख (देश की कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40 फीसदी) की जनसंख्या कवर करने वाले विशिष्ट जनजातीय आबादी बाहुल्य गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करना है। इसके तहत अधिसूचित जनजातियों के साथ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कम से कम 50 फीसदी अनुसूचित जनजाति आबादी और 500 की अनुसूचित जनजाति आबादी वाले 36 हजार 428 गांवों को कवर करने की योजना है।
योजना का मुख्य लक्ष्य चुने गये गांवों का एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास करना है। इसमें जनजातीय वर्ग की जरूरतों, क्षमताओं और उनकी आकांक्षाओं के आधार पर ग्राम विकास की योजना तैयार करना भी शामिल है। इसके अलावा केंद्र/राज्य सरकारों की व्यक्तिगत/पारिवारिक लाभ योजनाओं के कवरेज को अधिकतम स्तर तक ले जाना और स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी (संपर्क) व आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे में आमूलचूल सुधार करना भी इस योजना में शामिल है।
योजना के अंतर्गत ग्राम विकास के आठ क्षेत्रों में वर्तमान कमियों को दूर कर विकास की दिशा में काम किये जायेंगे। इसके तहत सड़क संपर्क (आंतरिक और अंतर गांव), दूरसंचार संपर्क (मोबाइल/इंटरनेट), विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप-केंद्र, पेयजल सुविधा, जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि कार्य कराये जायेंगे। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) के तहत प्रशासनिक खर्चों सहित अनुमोदित गतिविधियों के लिए गैप फिलिंग के रूप में 20 लाख 38 हजार रुपये प्रति गांव के मान से धनराशि दी जा रही है। पीएमएएजीवाई के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को चिन्हित गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास एवं नागरिक सेवाओं के उदारतापूर्वक प्रदाय के लिए केंद्रीय और राज्य अनुसूचित जनजाति घटक फंड (एसटीसी) निधि व अन्य उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के रूप में मौजूदा संसाधनों के एकीकरण के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश