राजनैतिक दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों जो विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण एवं अपराध है
Posted on 17 Oct, 2023 6:02 pm
मध्यप्रदेश में 9 अक्टूबर से विधानसभा निर्वाचन-2023 की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श चुनाव आचरण संहिता के संबंध में राजनीतिक दलों और प्रत्याशियो के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए है। आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार सामान्य आचरण के तहत किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे भिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेद अधिक गंभीर हो सकते हैं या परस्पर नफरत हो सकती है या तनाव पैदा हो सकता है। यदि राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तो यह उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, गत रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रखी जाएगी। दलों और अभ्यर्थियों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से असंबद्ध निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा। असत्यापित आरोपों या मिथ्या कथन के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना करने से बचना होगा। मत प्राप्त करने के लिए जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। मंदिर, मस्जिद, चर्च और पूजा के अन्य स्थलों को निर्वाचन के प्रचार के मंच के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जाएगा।
सभी दल और अभ्यर्थी ऐसी सभी गतिविधियों से ईमानदारी से परहेज करेंगे जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण एवं अपराध हैं जैसे कि मतदाताओं को घूस देना, मतदाताओं को डराना- धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी के अंतर्गत प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय के समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं आयोजित करना और मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक लाने- ले जाने के लिए परिवहन और वाहन उपलब्ध कराना।
हर व्यक्ति के शांतिपूर्ण और बाधारहित घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाएगा, फिर चाहे राजनीतिक दल और अभ्यर्थी उनकी राजनीतिक राय या गतिविधियों से कितने भी अप्रसन्न हो। किसी भी परिस्थिति में उनकी राय अथवा गतिविधियों के खिलाफ विरोध जताने के लिए व्यक्तियों के घर के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने का सहारा नहीं लिया जाएगा।
कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी अपने अनुयायियों को किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों इत्यादि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने, नारा लिखने इत्यादि की अनुमति नहीं देगा। राजनैतिक दल और अभ्यर्थियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं और जुलूसों में बाधा खड़ी नहीं करेंगे या उन्हें भंग नहीं करेंगे। किसी राजनैतिक दल के कार्यकर्ता या समर्थक अन्य राजनीतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभा में मौखिक या लिखित रूप में सवाल पूछकर या अपने दल के पर्चे बॉटकर बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। किसी दल द्वारा उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाए, जहाँ अन्य दल की सभाएं आयोजित हो रही हैं। किसी दल के कार्यकर्ता अन्य दल के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए पोस्टर नहीं हटाएंगे।
सभाएं
राजनैतिक दल या अभ्यर्थी स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को किसी भी प्रस्तावित सभा के स्थल और समय के बारे में काफी पहले से सूचित करेंगे ताकि पुलिस यातायात को नियंत्रित करने और शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर सके। दल या अभ्यर्थी अग्रिम रूप से सुनिश्चित करेगा कि क्या सभा के लिए प्रस्तावित स्थल पर कोई रोक या निषेधाज्ञा लागू तो नहीं है और यदि ऐसे आदेश मौजूद हैं, तो उनका कड़ाई से पालन किया जाएगा। यदि ऐसे आदेशों से किसी रियायत की आवश्यकता हो, तो अग्रिम रूप से इसके लिए आवेदन किया जाएगा और प्राप्त किया जाएगा। यदि किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउड-स्पीकरों या किसी अन्य सुविधा के उपयोग के लिए अनुमति या अनुज्ञा प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो दल या अभ्यर्थी अग्रिम रूप से संबंधित प्राधिकरण के समक्ष आवेदन करेगा और यह अनुमति या अनुज्ञा प्राप्त करेगा। सभा के आयोजक सभा में बाधा खड़ी करने वाले या अन्यथा अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की निरपवाद रूप से सहायता प्राप्त करेगा। स्वयं आयोजक ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करेंगे।
जुलूस
जुलूस का आयोजन करने वाला दल या अभ्यर्थी जुलूस शुरू करने का स्थान और समय, अनुगमन किए जाने वाले मार्गों और जुलूस समाप्त होने का स्थान और समय पहले से ही तय करेगा। साधारण तौर पर कार्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं होगा। आयोजक स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को कार्यक्रम की अग्रिम सूचना देंगे, जिससे स्थानीय पुलिस प्राधिकारी आवश्यक व्यवस्था कर सकें। आयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन इलाकों से जुलूस निकालना है, क्या इन इलाकों में कोई प्रतिबन्ध आदेश लागू है और प्रतिबन्ध आदेशों का पालन करेंगे यदि सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष रूप से रियायत नहीं दी गई है। यातायात संबंधी किन्हीं विनियमों या प्रतिबंधों का भी ध्यानपूर्वक अनुपालन किया जाएगा। आयोजक जुलूस निकालने के लिए अग्रिम रूप से व्यवस्था करने के लिये कदम उठाएंगे, जिससे यातायात में कोई रुकावट या बाधा न आए। यदि जुलूस बहुत लंबा है, तो इसे उचित लंबाई के कई हिस्सों में आयोजित किया जाएगा, जिससे सुविधाजनक अंतरालों पर विशेष रूप से उन स्थानों पर जहाँ जुलूस को सड़क का चौराहा पार करना है, रुके हुए यातायात को कई चरणों में छोड़ा जा सके जिससे कि यातायात बाधित होने से बचा जा सके। जुलूस को इस प्रकार से विनियमित किया जाएगा कि जहाँ तक संभव हो यह सड़क के दाहिने तरफ रहे और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देशों और सलाह का कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा। यदि दो या अधिक राजनीतिक दल या अभ्यर्थी जुलूस को समान रास्तों या उसके किसी भाग से एक ही समय पर ले जाने का प्रस्ताव देते हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए कि दोनों जुलूस आपस में न टकराएं या यातायात में बाधा उत्पन्न न करें, आयोजक अग्रिम रूप से संपर्क करेंगे और अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में निर्णय लेंगे। संतोषजनक व्यवस्था पर पहुँचने के लिए स्थानीय पुलिस की सहायता ली जाएगी। इस प्रयोजनार्थ दल पुलिस से यथाशीघ्र सम्पर्क करेंगे।
राजनीतिक दल या अभ्यर्थी, जुलूस में भाग लेने वाले लोगों के पास मौजूद ऐसी वस्तुओं जिनका अवांछनीय लोगों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है, पर अधिकतम संभव सीमा तक नियंत्रण रखेंगे। किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी द्वारा अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं को निरूपित करने वाले पुतले ले जाने, जनता के बीच इन पुतलों को जलाने और इस तरह के अन्य प्रकार के प्रदर्शन का समर्थन नहीं किया जाएगा।
मतदान दिवस के लिये राजनीतिक दल और अभ्यर्थी
सभी राजनीतिक दल और अभ्यर्थी शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित मतदान और मतदाताओं को किसी भी तरह से परेशान किए बिना या कोई अड़चन पैदा किए बिना उन्हें अपने मताधिकार का उपयोग करने की पूरी स्वतंत्रता का सुनिश्चय करने के लिए निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे। अभ्यर्थी अपने प्राधिकृत कार्यकर्ताओं को उचित बैज और पहचान पत्र प्रदान करेंगे। इस बात पर सहमति देंगे कि उनके द्वारा मतदाताओं को प्रदान की गई पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज पर होगी और उस पर कोई प्रतीक, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होगा। मतदान के दिन और इससे 48 घंटे पहले शराब देने या बांटने से दूर रहेंगे। राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा मतदान बूथों के पास लगाए गई शिविरों के निकट अनावश्यक भीड इकट्ठा नहीं होने देंगे, जिससे दलों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों और अभ्यर्थियों के मध्य टकराव और तनाव से बचा जा सके। सभी सुनिश्चित करेंगे कि अभ्यर्थी के शिविर साधारण होंगे। कोई पोस्टर, झंडा, प्रतीक, या कोई अन्य प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं करेंगे। कोई खाद्य सामग्री परोसी नहीं जाएगी अथवा भीड़ को शिविर में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और मतदान के दिन वाहनों के यातायात पर लगाये जाने वाले प्रतिबंधों के अनुपालन में प्राधिकारियों का सहयोग करेंगे और उनके लिए अनुज्ञा पत्र प्राप्त करेंगे, जो उन वाहनों पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होने चाहिए।
मतदान बूथ:-
मतदाताओं को छोड़कर, ऐसा कोई व्यक्ति मतदान बूथ के भीतर प्रवेश नहीं करेगा जिसके पास निर्वाचन आयोग का कोई मान्य प्रवेश पत्र नहीं है।
प्रेक्षक
निर्वाचन आयोग प्रेक्षकों को नियुक्त करता है। यदि अभ्यर्थियों या उनके अभिकर्ताओं को निर्वाचन के संचालन के संबंध में कोई विशेष शिकायत या समस्या है, तो वे उसे प्रेक्षक के ध्यान में ला सकते हैं।
सत्ताधारी दल के लिये
केंद्र या राज्य या संबंधित राज्यों का सत्ताधारी दल यह सुनिश्चित करेगा कि इस वजह से शिकायत का अवसर न दिया जाए कि उन्होंने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनार्थ अपनी आधिकारिक स्थिति का उपयोग किया है और विशेष रूप से मंत्री अपने सरकारी दौरों को निर्वाचन संबंधी कार्यों के साथ नहीं जोड़ेंगे और साथ ही निर्वाचन संबंधी कार्यों के दौरान सरकारी मशीनरी या कर्मचारियों का उपयोग नहीं करेंगे। सत्ताधारी दल के हित को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विमानों का सरकारी परिवहन, मशीनरी और कर्मचारियों का उपयोग नहीं करेंगे।
निर्वाचन के संबंध में निर्वाचन सभाएं आयोजित करने के लिए मैदान जैसे सार्वजनिक स्थानों और हवाई उड़ानों के लिए हेलीपैड्स के उपयोग पर किसी का एकाधिकार नहीं होगा। अन्य दलों और अभ्यर्थियों को उन्हीं नियमों और शर्तों पर ऐसे स्थानों और सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी, जिन नियमों और शर्तों पर सत्ताधारी दल इनका उपयोग करता है। विश्राम गृह, डाक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों पर सताधारी दल या उसके अभ्यर्थी का एकाधिकार नहीं होगा और अन्य दल और अभ्यर्थियों को निष्पक्ष ढंग से इन आवासों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन कोई भी दल या अभ्यर्थी इन आवासों (उसके अंतर्गत मौजूद परिसरों का उपयोग अभियान कार्यालय के रूप में या निर्वाचन प्रचार के प्रयोजनार्थ कोई सार्वजनिक सभा आयोजित करने के लिए नहीं करेगा या ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सार्वजनिक राजकोष की लागत पर समाचार पत्रों और अन्य मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित करने और निर्वाचन अवधि के दौरान पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए राजनीतिक समाचारों की सरकारी मास मीडिया का दुरुपयोग और सत्ताधारी दल की संभावनाओं को बढ़ाने की दृष्टि से उनकी उपलब्धियों के संबंध में प्रचार करने से सावधानीपूर्वक बचेंगे।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश