Posted on 03 May, 2021 4:33 pm

पर्यावरण की शुद्धता और मन में सकारात्मकता के लिए करे "यज्ञ" - मंत्री सुश्री ठाकुर

वैश्विक कोरोना संकटकालीन समय में पर्यावरण की शुद्धता और मन में सकारात्मकता के लिए भारतीय परंपरा में प्रचलित यज्ञ कर्म को बढ़ावा देना चाहिए। पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने 'भारतीय परंपरा में यज्ञ के महत्व' पर ऑनलाइन वेबिनार को संबोधित कर रही थी। सुश्री ठाकुर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही प्रकृति व आस-पास के जीव- जंतुओं के साथ समन्वय बनाकर, सभी के कल्याण के लिए कार्य किया जाता रहा है। कोरोना महामारी संकटकालीन समय में यह और भी आवश्यक हो गया है कि हम अपने आसपास के वातावरण और वायुमंडल को शुद्ध रखें। इस कार्य में यज्ञ की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। सुश्री ठाकुर ने आग्रह किया कि यज्ञ दिवस पर सब संकल्प ले कि प्रतिदिन यज्ञ करेंगे और वातावरण को बेहतर बनाकर मानवता की सेवा में अपना योगदान देंगे। 

आध्यात्म विभाग के राज्य आनंद संस्थान द्वारा आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में इंदौर के वैदिक विद्वान स्वामी प्रकाश आर्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि यज्ञ भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में महत्वपूर्ण कृत्य के रूप में जाना जाता है। यज्ञ का अर्थ केवल हवन करना व अग्नि में आहुति देना भर नहीं है। अपितु यह दान, पुण्य के साथ ईश्वर से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम हैं। यज्ञ हमारी सांस्कृतिक परंपरा में काफी व्यापक महत्व रखता है। 

वेबिनार में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अखिलेश अर्गल, श्री सत्य आर्य सहित सत्य सनातन वैदिक जीवन पद्धति में विश्वास रखने वाले देश और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग शामिल हुए।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश