Posted on 08 Apr, 2022 9:59 pm

अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा "सतत विकास में भागीदारी एवं अनुभव को साझा करने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं का सम्मेलन" में "स्वयंसेवी संस्थाओं और गवर्नेंस के प्रमुख मुद्दों" पर पैनल डिस्कशन किया गया। कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में पैनल डिस्कशन में मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद के महानिदेशक श्री बी.आर. नायडू, पूर्व मुख्य सचिव एवं महिला चेतना मंच भोपाल की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला बुच और समर्थन एनजीओ भोपाल के हेड डॉ. योगेश कुमार ने अपने विचार रखे। पैनल डिस्कशन में स्वयंसेवी संस्थाओं के गवर्नेंस, शासन से संबंध और आशाएँ एवं समाज में संस्थाओं की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई।

संस्था में पारदर्शिता और जवाबदेहिता लाना आवश्यक- श्रीमती निर्मला बुच

पूर्व मुख्य सचिव और महिला चेतना मंच भोपाल की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला बुच ने कहा कि स्वयंसेवी संस्था में एनजीओ के साथ सामाजिक संगठन और नॉन रजिस्टर्ड संस्थाएँ भी शामिल होती है। गुड गवर्नेंस के लिए संस्था में पारदर्शिता और जवाबदेहिता लाना आवश्यक हैं। संस्था की जैसी पब्लिक इमेज होगी, वैसा ही उसे शासन और समाज से सहयोग मिलेगा। समाज को सही दिशा दिखाने के लिए किसी भी कार्य को आंदोलन का रूप दें। इससे संसाधन भी कम लगेंगे और समाज पर इसका प्रभाव भी अधिक दिखाई देगा। 

जन अभियान परिषद के पोर्टल पर स्वयंसेवी संस्थाओं के पंजीयन की सुविधा : महानिदेशक श्री नायडू

मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के महानिदेशक श्री बी.आर. नायडू ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन और एनजीओ के बीच जन अभियान परिषद एक सेतु का कार्य करेगा। श्री नायडू ने बताया कि नीति आयोग के एनजीओ दर्पण पोर्टल की तर्ज पर परिषद के पोर्टल पर स्वयंसेवी संस्थाओं के पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड दोनो ही संस्थाएँ पोर्टल पर पंजीयन कर सकती है। पंजीयन पूरी तरह निःशुल्क रहेगा। संस्थाओं को बोर्ड के सदस्यों की जानकारी, वार्षिक रिपोर्ट, ऑडिट रिपोर्ट आदि भी अपलोड करनी होगी। इसे वेबसाइट में पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। 

जन-अभियान परिषद के पोर्टल पर एनजीओ को उनके द्वारा किए जा रहे दैनिक कार्य और उपलब्धियों को फोटो और रिकॉर्डिंग के माध्यम से अपलोड करने की सुविधा दी जाएगी, जिससे एनजीओ की सकारात्मक पब्लिक इमेज बनेगी। परिषद के माध्यम से हर 3 माह में प्रत्येक जिले में कलेक्टर के साथ जिले में कार्य कर रहे एनजीओ की बैठक की जाएगी। एनजीओ की क्षमता वर्धन के लिए विभिन्न एनजीओ को अकाउंट मेंटेनेंस, लॉ फ्रेम, प्रोजेक्ट बिल्डिंग आदि की ट्रेनिंग देने के लिए मेंटर्स के रजिस्ट्रेशन किए जायेंगे। साथ ही कैपेसिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत डिस्टेंस लर्निंग से बीएसडब्ल्यू और एमएसडब्ल्यू के कोर्स संचालित किए जायेगे। कोर्स के विद्यार्थियों को इंटर्न के रूप में एनजीओ में कार्य करने के लिए भेजेंगे। इस तरह विद्यार्थी और एनजीओ के लिए ही विन-विन सिचुएशन होगी। उन्होंने एनजीओ द्वारा किए गए अभिनव प्रयोगों का डॉक्यूमेंटेशन करने पर अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान की सराहना भी की।

स्वयंसेवी संस्थाओं का विश्वसनीय होना आवश्यक- डॉ. योगेश कुमार

समर्थन एनजीओ भोपाल के हेड डॉ. योगेश कुमार ने कहा कि स्वयंसेवी संस्थाओं का विश्वसनीय होना आवश्यक है। इसके लिए संस्थाओं को अकाउंट मेंटेनेंस में पारदर्शिता, बोर्ड में निष्पक्ष रुप से सदस्यों का चुनाव, वार्षिक ऑडिट, नवाचार और स्वायत्ता के साथ कार्य जैसी प्रेक्टिसेज को अपनाना होगा। डॉ. योगेश कुमार ने एनजीओ के लिए इज़ ऑफ बिजनेस पर कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने शासन से सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट की प्रक्रिया को सरल बनाने, एनजीओ के कार्यकर्ताओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस और कंपनसेशन का प्रावधान करने का आग्रह किया।

सहकारी संस्थाओं के मामले के कानूनी और वित्तीय विशेषज्ञ, लेखक, स्तंभकार और चार्टर्ड एकाउंटेंट श्री राकेश मित्तल ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई। पैनल डिस्कशन के अंत में स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से प्रश्न भी आमंत्रित किए गए और उनकी जिज्ञासाओं, परेशानियों और दिक्कतों को समझा और उन्हे शासन से समन्वय कर नीतियों के माध्यम से दूर करने का आश्वासन भी दिया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश