Posted on 06 Dec, 2017 7:11 pm

प्रदेश में वर्ष 2018-19 में उपार्जित स्कंध के भण्डारण के लिए संयुक्त भागीदारी योजना में आवश्यकता अनुसार निजी और सहकारी क्षेत्र के केवल अत्याधुनिक सुविधाओं और संसाधन वाले गोदामों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। उपार्जित स्कंध की भण्डारण व्यवस्था के लिए एम.पी. वेअरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन को नोडल भण्डरण एजेन्सी नियुक्त किया गया है।

वेअरहाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं और संसधानों के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये गये है। भण्डारण के लिये गोदाम उपलब्ध कराने के इच्छुक गोदाम संचालकों से कहा गया है कि गोदामों का वेअरहाउसिंग लायसेंस प्राप्त करें और जिनके लायसेंस की वैधता मार्च 2018 से पहले समाप्त हो रही हैं, वे नवीनीकरण करवायें। मार्च 2019 तक वैध गोदाम संचालक अपने गोदाम का योजना के तहत ऑनलाईन ऑफर कर सकेंगे।

उपार्जित स्कंध के शत-प्रतिशत तौल हेतु गोदाम स्तर पर मानक स्तर का इलेक्ट्रॉनिक वेब्रिज चालू हालत में होना अनिवार्य है, जिसकी प्रिंट मेमोरी को एम.पी.डब्ल्यू.एल.सी. के साफ्टवेयर से इंटीग्रेट करना होगा। वेब्रिज उक्त गोदाम पर नहीं होने की स्थिति में अधिकतम 500 मीटर की दूरी पर वेब्रिज होना अनिवार्य रहेगा, अन्यथा गोदाम नहीं लिया जायेगा। इसके साथ एप्रोच रोड एवं गोदाम परिसर में रोड कम से कम बी.एम.डब्लू स्तर की होना चाहिए। योजना के तहत प्रत्येक गोदाम परिसर के कार्यालय कक्ष में कम्प्यूटर सिस्टम इंटरनेट सुविधा मय कम्प्यूटर ऑपरेटर के साथ उपलब्ध होना अनिवार्य है।

विपणन वर्ष 2018-19 में उपार्जित होने वाले गेहूँ एवं धान के फ्यूमीगेशन हेतु एम.पी.डब्ल्यू.एल.सी. द्वारा नि:शुल्क एल्युमीनियम फास्फाईड उपलब्ध कराई जायेगी। स्कंध का फ्यूमीगेशन गोदाम संचालक द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले मानक स्तर के फ्यूमीगेशन कव्हर, सेण्ड स्नेक एवं कर्मियों के सहयोग से कराया जायेगा। उपार्जित स्कंध के भण्डारण पश्चात अन्य कीटोपचार यथा डी.डी.व्ही.पी., मैलाथियन, डेल्टामेथिलिन आदि का छिड़काव संबंधित गोदाम संचालक को स्थानीय स्तर पर मानक स्तर की कीटनाशक औषधि क्रय कर स्वत: कीटोपचार एवं रख-रखाव सुनिश्चित करना होगा। योजना के तहत सुरक्षा व्यवस्था हेतु गोदामों पर पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराना होंगे।

वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा बताया गया है कि जिन निजी गोदामों पर शासन द्वारा खरीदी केन्द्र स्थापित होंगे, वहाँ गोदाम संचालक द्वारा गोदाम परिसर में तुलाई, भराई, पैकिंग तथा वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त खाली स्थान न्यूनतम रकबा 25000 वर्गफुट होना चाहिए। साथ ही गोदाम परिसर में पीने के पानी, शौचालय, प्रकाश आदि की व्यवस्था होने पर जिला स्तरीय उपार्जन समिति द्वारा खरीदी केन्द्र खोला जा सकेगा। इसके लिए शासन द्वारा निर्धारित प्रावधानों के तहत एक प्रतिशत कमीशन का भी भुगतान किया जायेगा। अनुबंधित क्षमता में जमा होने वाले उपार्जित स्कंध के 50 रूपये प्रति मीट्रिक टन की दर से बैंक सालवेंसी एम.पी.डब्ल्यू.एल.सी. को त्रिपक्षीय अनुबंध निष्पादन के समय गोदाम संचालक उपलब्ध कराएगा। बैंक साल्वेंसी उसी बैंक की प्रस्तुत करनी होगी, जिस बैंक से गोदाम संचालक द्वारा उक्त गोदाम के निर्माण हेतु ऋण लिया गया है।

संयुक्त भागीदारी योजना के अनुबंध निष्पादन से पूर्व अनुबंधित क्षमता की राशि 20 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से काम्प्रीहेंसिव बीमा कराना होगा। साथ ही 20 हजार प्रति मे.टन की राशि शतप्रतिशत फेडेलिटी बीमा पॉलिसी गोदाम संचालक द्वारा क्रय की जायेगी। कार्पोरेशन द्वारा बताया गया कि आगामी सीजन में उपार्जित स्कंध के भण्डारण के लिए गोदाम की आवश्यकता लगभग 2-3 माह पश्चात होगी। ऐसे में जो गोदाम संचालक अपने गोदाम शासन को संयुक्त भागीदारी योजना में देना चाहते हैं वे समय रहते अपने गोदामों में निर्धारित की गई सुविधा एवं संसाधन अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित करें।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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