Posted on 12 Aug, 2021 9:24 pm

'आजादी के अमृत महोत्सव' के अवसर पर पुरातत्व, अभिलेखागार और संग्रहालय निदेशालय द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इस श्रृंखला में "सम यूनिक कम्पोजीशन इन दी रॉक आर्ट ऑफ़ चम्बल" विषय पर 16वां व्याख्यान प्रो. गिरिराज कुमार द्वारा शुक्रवार 13 अगस्त, 2021 को दोपहर 3:30 से शाम 5 बजे तक दिया जाएगा।

प्रो. गिरिराज कुमार शैल चित्रकला विज्ञान और भारतीय संस्कृति के प्रख्यात विद्वान हैं। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रॉक आर्ट ऑर्गेनाइजेशन (आईएफआरएओ) के पूर्व अध्यक्ष प्रो. कुमार ने शैल चित्रकला पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों एवं सम्मेलनों का आयोजन किया है। कई देशों में IFRAO की बैठकों में प्रो. रॉबर्ट जी बेडनारिक (ऑस्ट्रेलिया) के साथ कई संगोष्ठियों की अध्यक्षता की है।

प्रो. कुमार को शैल चित्रकला विज्ञान और पुरातत्व में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने प्रतिष्ठित डॉ. वी.एस. वाकणकर राष्ट्रीय पुरस्कार 2017-18 से सम्मानित किया गया है। डॉ. वाकणकर के साथ प्रो. कुमार ने भीमबेटका के चित्रित शैलश्रयों की (1977) और ताम्रपाषाणिक स्थलों मंदसौर (1978), डंगवाड़ा (1979, 80 और 82) और रूनिजा (1981) में शैल चित्रो की खोज की थी।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश