Posted on 04 Sep, 2024 8:39 pm

राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत प्रदेश के समस्त आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में 5 सितंबर को वृद्धावस्था स्वास्थ्य शिविर का आयोजन होगा। आयुष विभाग अंतर्गत संचालित प्रदेश के समस्त 800 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक यह शिविर आयोजित होंगे। इन शिविरों में संबंधित क्षेत्र के आयुष चिकित्सालय एवं महाविद्यालय के चिकित्सा विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देगें। उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि हर जरूरतमंद वृद्ध को वृद्धावस्था स्वास्थ्य शिविर का लाभ मिले, ऐसी सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। श्री परमार ने वृद्धजनों से वृद्धावस्था स्वास्थ्य शिविर में अपने स्वास्थ्य को लेकर परामर्श, परीक्षण एवं उपचार के लिए समीपस्थ आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पहुंचकर स्वास्थ्य लाभ लेने की अपील भी की है।

आयुष विभाग के नोडल मीडिया अधिकारी डॉ राजीव मिश्रा ने बताया कि शिविर में आयुष्मान आरोग्य मंदिर के चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, योग प्रशिक्षक, बहुउद्देशीय कार्यकर्ता एवं आयुष महावविद्यालयों के छात्र छात्राएं सहित स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहभागिता करेंगे। शिविर के पश्चात् संबंधित आयुष्मान आरोग्य मंदिर के चिकित्सकों द्वारा फॉलो-अप कर दवाओं की निरन्तरता भी सुनिश्चित की जाएगी। शिविर में रक्त शर्करा, हीमोग्लोबिन के लिए प्रयोगशाला परीक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी। आवश्यक औषधियों की सूची के अनुसार दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि वृद्धावस्था स्वास्थ्य शिविर में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ती उम्र में स्वस्थ रहने की अवधारणा, शारीरिक व्यायाम के महत्व, स्वस्थ आदतों और योग और रसायन के माध्यम से मानसिक तनाव को कम करने के लिए परामर्श एवं स्वास्थ्य जागरूकता की जायेगी। शिविर में जरावस्था जन्य रोगों के परामर्श, परीक्षण एवं उपचार आदि से संबंधित विभिन्न गतिविधियां होंगी। बुजुर्ग व्यक्तियों का दृष्टि, जोड़ों, श्रवण, छाती, रक्तचाप और रक्त शर्करा, हीमोग्लोबिन सहित अन्य जांचों से संबंधित सरल नैदानिक परीक्षा के आधार पर स्वास्थ्य मूल्यांकन किया जाएगा। चिकित्सक द्वारा पर्चे पर आहार संबंधी नियमों सहित पुरानी बीमारियों जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज, गठिया, मधुमेह, उच्च रक्तचाप पर उचित सलाह दी जाएगी। बुजुर्ग व्यक्तियों की चिकित्सा बीमारियों के लिए बुनियादी प्रयोगशाला जांच और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। नियमित शारीरिक व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव प्रबंधन को अपनाने के लिए, आयुष प्रणालियों में विशेष रूप से दिनचर्या (दैनिक दिनचर्या), ऋतुचर्या (मौसमी देखभाल व्यवस्था), सद्वृत्त (अच्छा आचरण), योग और अधरणीय वेग (गैर-दमनीय प्राकृतिक आग्रह) आदि के बारे में जानकारी साझा की जायेगी।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि शिविर में पंचकर्म/थोक्कानम थेरेपी/इलाज-बिद तदबीर और क्षारसूत्र द्वारा विवेकपूर्ण हस्तक्षेप से पुरानी और अक्षम करने वाली बीमारियों के प्रबंधन के लिए आयुष औषधालयों/आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) / आयुष अस्पतालों/आयुष शिक्षण अस्पतालों में आगे की जांच और उपचार के लिए रेफरल किया जाएगा। साथ ही सभी रोगियों की देखभाल की निरंतरता को आवश्यकतानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल सहित उच्चतर केंद्रों पर रेफर करके तथा प्रथम स्तर की स्वास्थ्य सुविधा के लिए रिवर्स रेफरल के माध्यम से सुनिश्चित भी किया जाएगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश