Posted on 17 Nov, 2017 12:27 pm

हम बात कर रहे हैं सीहोर जिले के बुधनी विकासखंड से 20 किलोमीटर दूर ग्राम रामनगर की रजनी बाई की। ग्राम पंचायत जहानपुर के समीप ग्राम रामनगर में 8 स्व-सहायता समूह में से 2 फरवरी 2016 को गठित एक समूह 'रोशनी' की सचिव हैं रजनी बाई।

कम पढ़ी-लिखी रजनी बाई की पारिवारिक स्थिति अत्यन्त दयनीय थी। आय के साधन भी संतोषजनक नहीं थे। मजदूरी कर बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, खान-पान, रहन-सहनइ व्यवस्थित कर पाना मुश्किल था। ऐसे में रजनी बाई ने अपने घर के बाहर चाय, बिस्किट की छोटी-सी दुकान खोली। इससे वह घर पर रहकर ही 50 से 80 रुपये प्रति दिन कमा लेती थी। इससे भी परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा था।

एक दिन रजनी बाई को बुधनी के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रभारी ने बाद्राभान घाट पर दुकान खोलने की सलाह दी। बुधनी घाट पर लोगों का आवागमन अधिक होने से रजनी बाई की दुकान अच्छी चलने लगी। अब वह 300 से 400 रुपये प्रति-दिन अपनी दुकान से कमाने लगी है। रजनी बाई को उनके पति जगदीश प्रसाद भी भरपूर सहयोग करते हैं। जगदीश प्रसाद ने पत्नी की दुकान के पास ही गाड़ियों के पंचर सुधारने का काम भी शुरू कर दिया है।

रजनी बाई और उसके पति को जनपद पंचायत बुधनी ने अजीविका मिशन में मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना द्वारा लाभांवित किया। रजनी बाई आज ग्रामीण स्व-सहायता समूह के अन्य सदस्यों के लिये प्रेरणा बन गई हैं। रजनी बाई और उसके परिवार को अब गांव में मान-सम्मान मिल रहा है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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