Posted on 26 Oct, 2017 12:53 pm

भोपाल : गुरूवार, अक्टूबर 26, 2017
 

पन्ना के धीरज कुमार कल तक शिक्षित बेरोजगार युवक थे और कामकाज की तलाश में लगातार भटक रहे थे। बी-फार्मा होल्डर होने के बावजूद पैसों के अभाव में मेडिकल स्टोर खोलने में असमर्थ थे। एक दिन उन्हें मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की जानकारी मिली। उन्होंने स्व-रोजगार के संबंध में अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम में सम्पर्क किया।

धीरज कुमार को अधिकारियों ने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना की मदद से मेडिकल स्टोर खोलने की सलाह दी। धीरज कुमार ने इसके लिये सभी औपचारिकताएँ पूरी की तो उनका ऋण प्रकरण मंजूर हुआ। भारतीय स्टेट बैंक ने दो लाख रूपये का ऋण दिया और 60 हजार रूपये का अनुदान भी मंजूर किया।

धीरज कुमार को मेडिकल स्टोर खोलने के बाद शुरू में थोड़ी बहुत वित्तीय कठिनाई आई, लेकिन अनुदान राशि से उन्हें मदद मिल गई।

धीरज कुमार अब नियमित रूप से बैंक की किश्त का भुगतान कर रहे हैं। उनकी दुकान अब अच्छी चल निकली है। उन्होंने अपने सहयोग के लिये एक कर्मचारी भी रख लिया है। मेडिकल स्टोर से अब प्रति माह खर्चे घटाकर औसत रूप से 15 से 20 हजार रूपये कमा रहे हैं। धीरज कुमार की इस सफलता से शहर के अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिली है और वे स्वयं का काराबोर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

सफलता की कहानी (पन्ना)

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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