Posted on 15 Feb, 2022 5:27 pm

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि है कि प्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के मद्देनजर अब निजी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को भी नैक ग्रेडिंग अनिवार्य होगी। जल्द ही इसके लिए गाइड-लाइन जारी की जाएगी। डॉ. यादव मंगलवार को विभागीय गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। डॉ. यादव ने कहा कि नैक द्वारा यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि जिन महाविद्यालय और विश्वविद्यालय ने एक शैक्षणिक वर्ष पूर्ण कर लिया है, वे प्रोविशनल मान्यता प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होंगे। अब तक यह व्यवस्था थी कि जिन संस्थानों ने छ: वर्ष पूर्ण किये हैं, वे ही नैक की प्रमाणिकता के लिए आवेदन कर सकते थे।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री श्री शिवराज चौहान के आतिथ्य में युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 238 महाविद्यालयों का नई शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में बहुसंकाय करने की भी तैयारी की जा रही है। शैक्षणिक परिसर में कृषि को प्रमुखता देने के लिए जैविक खेती, बागवानी आदि संबंधित विषयों को भी पाठ्यक्रम से जोड़ा जाना आवश्यक है। इस वर्ष लगभग 75 हजार के करीब विद्यार्थियों ने जैविक खेती विषय को चुना है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से अब युवा नई आधुनिक कृषि तकनीकों का इस्तेमाल कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की संकल्पना को नया आयाम देंगे।

विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वर्चुअल बैठक

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ आगामी परीक्षाओं की तैयारियों के संबंध में वर्चुअल चर्चा की। उन्होंने सेमिस्टर परीक्षाओं को सफलतापूर्वक ऑफलाइन आयोजित कराने की सभी को बधाई दी। डॉ. यादव ने कहा कि पिछले दो वर्ष से कोरोना के कारण ऑनलाइन परीक्षाओं का आयोजन कराना पड़ा, परन्तु शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ऑफलाइन परीक्षा कराना आवश्यक है। यह एक बड़ी जवाबदारी है। डॉ. यादव ने कहा कि मार्च माह में होने वाली परीक्षाओं के लिए पूर्ण तैयारी करें। कोराना की स्थिति के मद्देनजर अन्य शासकीय भवनों में भी परीक्षाएँ संचालित करने की तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए शासकीय और निजी महाविद्यालयों के सेन्टर में बदलाव करें। परीक्षाओं के दौरान अन्य महाविद्यालयों के निरीक्षकों की भी व्यवस्था करें।

अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेन्द्र सिंह, प्रभारी आयुक्त श्रीमती सोनाली वायंगणकर तथा विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश