Posted on 16 Dec, 2022 7:59 pm

मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित बुंदेलखण्ड की 18 हजार 500 से अधिक महिला डेयरी किसानों की दुग्ध उत्पादक कम्पनी मुक्ता ने आज अपना ब्रॉण्ड "मुक्ता घी'' विधिवत लांच किया। प्रदेश की महिला दुग्ध उत्पादक कम्पनी की यह बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश की 4 दुग्ध उत्पादक कम्पनियाँ प्रतिदिन 2 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन करती हैं, जिनमें अकेली मुक्ता कम्पनी एक लाख लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन कर रही है। कम्पनी का वार्षिक टर्न-ओवर 65 करोड़ रूपये से अधिक है।

मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एल.एम. बेलवाल, पूर्व सांसद श्री प्रदीप गांधी, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के कार्यकारी निदेशक श्री आलोक कुमार गुप्ता, मुक्ता कम्पनी की अध्यक्ष श्रीमती रजनी रजक और कम्पनी के सीईओ श्री ईशान मैत्रा उपस्थित थे।

श्री बेलवाल ने कहा कि इन महिला डेयरी किसानों ने कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ कार्य किया है। यह एक प्रेरणादायक स्टार्ट-अप है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रदेश में 4 लाख 12 हजार स्व-सहायता समूह गठित हैं, जिनसे 46 लाख ग्रामीण महिलाओं का आजीविका संवर्धन किया जा रहा है। प्रदेश में 88 किसान उत्पादक कम्पनियाँ भी बनाई गई हैं, जिनके एक लाख 79 हजार सदस्य प्रमुख रूप से कृषि आधारित गतिविधियाँ कर रहे हैं। इन कम्पनियों का वर्ष 2022-23 में नवम्बर माह तक 529 करोड़ रूपये टर्न ओवर हो चुका है। गत वर्ष अकेली मुक्ता महिला दुग्ध उत्पादक कम्पनी ने 65 करोड़ रूपये से अधिक का कारोबार किया, जिसमें 85 प्रतिशत बिक्री से आय का भुगतान सदस्यों को दूध के रूप में किया गया। मुक्ता कम्पनी ने इण्डिया डेयरी अवार्ड-2021 में डेयरी एक्सटेंशन पुरस्कार भी प्राप्त किया। कम्पनी ने 4 साल की अल्प अवधि में यह सफलता पाई है। आगामी 2 वर्ष में प्रदेश में दुग्ध उत्पादक कम्पनियों से 5 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य है।

कम्पनी की सदस्य सुश्री रूपमती कुर्मा, मेहन्ती बाई और विनीता ने बताया कि समूह से जुड़ कर उनके जीवन में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन आया है। उनकी आय लगभग 50 हजार रूपये प्रतिमाह हो गई है। कम्पनी द्वारा प्रत्येक गाँव में दूध की खरीदी के लिये उन्नत स्व-चलित दूध संग्रहण प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें दूध बेचने वाले सदस्य दूध की मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य की जाँच स्वयं कर सकते हैं। उन्हें मुद्रित पावती पर्ची भी मिलती है और उनके मोबाइल पर बेचे गये दूध का पूरा विवरण आ जाता है। कम्पनी का मोबाइल एप दूध के लेन-देन की जानकारी देता है। कम्पनी पशुओं में दूध की उत्पादकता एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिये कृत्रिम गर्भाधान, खनिज मिश्रण, फर्टिलिटी केम्प, अवेयरनेस म जैसे कार्य कर रही है

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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