Posted on 23 Oct, 2021 6:50 pm

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सार्थक जीवन वही है जो मानवता की सेवा में खुद को न्योछावर कर दे। स्वामी विवेकानंद ने कहा था केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के कल्याण के लिए जिए। इसी ध्येय को अपने अंदर समाहित करते हुए जेल में रह रहे बंदी आत्म अवलोकन करें और स्वयं को बेहतर इंसान बनाने का सतत प्रयास करें। देश और समाज के प्रति जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए जीवन को सार्थक बनाएँ। जो मनुष्य अपना जीवन दूसरों के लिए समर्पित करता है, कुदरत भी हमेशा उसकी सहायता करती है। राज्यपाल श्री पटेल ने केन्द्रीय जेल इंदौर में बंदियों को संबोधित किया। उन्होंने बंदियों का मनोबल बढ़ाते हुए हौसला अफजाई की। इंदौर प्रवास के दूसरे दिन केंद्रीय जेल इंदौर पहुंचकर जेल परिसर का भ्रमण किया।

मानवीय दृष्टिकोण से बंदियों को दी जा रही हैं सभी सुविधाएँ

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि उन्होंने जेल परिसर के भ्रमण के दौरान पाया कि बंदियों की सुविधा के लिए जेल में सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं। जेल परिसर में ई-मुलाकात सेवा, दूरभाष सेवा तथा बंदियों को चिकित्सा सेवा भी प्रदान की जा रही है। जन-भागीदारी से जेल में बंदियों को जीवन-यापन करने के लिए अनेक प्रकार के कौशल प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं। मानवता की दृष्टि से जो सुविधा बंदियों को मिलनी चाहिए वह इस जेल परिसर में दी जा रही है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि राज्य शासन बंदियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में आवश्यकता अनुसार बंदियों को शत-प्रतिशत विधिक सेवा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश की सभी जेलों  को  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय से जोड़ा जा रहा है, जिससे बंदियों के न्यायालयीन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जा सके। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जेल में रह रहे बंदियों को अच्छा साहित्य पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिससे बंदी होने के उपरांत भी यहाँ रह रहे लोग अपने जीवन को आनंदमय बना सकेंगे। इसी के साथ ही योग से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान दिया जाए, इसके लिए भी नियमित योग शिविर आयोजित किए जाएँ। उन्होंने जेल में रह रहे बंदियों से कहा कि जेल परिसर में आपको जो भी सीखने को मिल रहा है उससे जीवन को और अधिक उपयोगी बनाने में सहायता मिलेगी और आचरण में सुधार आ सकेगा।

सांसद श्री शंकर लालवानी ने कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री पटेल की संवेदनशीलता का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि वे आज केंद्रीय जेल का भ्रमण कर रहे हैं। इंदौर की केंद्रीय जेल का इतिहास अपने आप में गौरवशाली है, यहाँ आजादी के आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से लेकर इमरजेंसी के समय में मीसा बंदियों को भी रखा गया था। इस जेल में समय-समय पर बंदियों के जीवन को और बेहतर बनाने के लिए तरह-तरह के नवाचार होते रहे हैं। बंदियों के लिए जितनी सुविधा संभव है वह जेल प्रशासन द्वारा प्रदान की जा रही है। इंदौर केंद्रीय जेल ही एकमात्र ऐसी जेल है, जहाँ बंदियों द्वारा बर्तनों का निर्माण किया जा रहा है । यहाँ जन-भागीदारी के माध्यम से सभी को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में नित नए प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय जेल में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान कोरोना गाइड-लाइन का पूर्णत: पालन किया गया, जिसका नतीजा यह रहा कि कोरोना वायरस का न्यूनतम प्रभाव जेल में रह रहे बंदियों पर पड़ा। उन्होंने कहा कि इंदौर में एक और सर्व-सुविधायुक्त बड़ी केंद्रीय जेल का निर्माण किया जा रहा है जो जल्द ही तैयार हो जायेगी।

राज्यपाल श्री पटेल ने जेल परिसर में बंदियों द्वारा निर्मित किए गए कान्हा विक्रय केंद्र का अवलोकन किया। उन्होंने ई-रिक्शा में बैठकर संपूर्ण जेल परिसर का भ्रमण किया तथा बंदियों द्वारा संचालित किए जा रहे जेल वाणी एफएम 18.77 को सुना एवं जेल प्रशासन द्वारा किए जा रहे  इन प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल श्री पटेल ने जेल परिसर में बेलपत्र का वृक्षारोपण भी किया। केंद्रीय जेल इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बंदियों द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक एवं मलखम्ब खेल की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान जेल के बंदी द्वारा निर्मित की गई माँ अहिल्या देवी के चित्र को राज्यपाल श्री पटेल को भेंट भी किया गया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश