म.प्र. नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023
Posted on 22 Aug, 2023 7:28 pm
म.प्र. नक्सली आत्म-समर्पण, पुनर्वास-सह-राहत नीति 2023 में नक्सली / नक्सलवादी एवं आत्म-समर्पणकर्ता को स्पष्ट एवं वृहद रूप से परिभाषित किया गया है। आत्म-समर्पणकर्ता के निर्धारण के लिए निश्चित मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं। आत्म-समर्पणकर्ता को लाभ देने के लिए राज्य स्तरीय जाँच समिति का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पणकर्ता को लाभ देने के लिए राज्य स्तरीय जांच समिति की अवधारणा नहीं है।)
आत्म-समर्पण प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए सक्षम अधिकारियों की परिधि बढ़ाई गई है। जैसे- आत्म-समर्पणकर्ता स्वेच्छा से किसी पुलिस अधिकारी, कार्यपालिक दण्डाधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के सहायक सेनानी से अन्यून रैंक के अधिकारी (जहाँ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात है) या राज्य सरकार द्वारा नामांकित अधिकारी के समक्ष आत्म-समर्पण कर सकेगा। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पण के लिए पुलिस अधीक्षक को माध्यम निर्धारित किया गया है।)
नक्सली द्वारा आत्म-समर्पण किये जाने के पश्चात की प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख किया गया। आत्म-समर्पणकर्ता द्वारा शस्त्रों के साथ समर्पण किये जाने पर अनुग्रह राशि का स्पष्ट वर्गीकरण किया गया है। आत्म-समर्पणकर्ता ने यदि शस्त्रों (शस्त्र चालू हालत स्थिति में हो तो) के साथ समर्पण किया है तो ऐसी स्थिति में 07 श्रेणियों में शस्त्रों का वर्गीकरण किया जाकर 20 हजार से 4 लाख 50 हजार रुपये तक अनुग्रह राशि स्वीकृत करने का प्रावधान है। (पूर्व नीति में इस विषय पर अनुग्रह राशि का स्पष्ट वर्णन नहीं है।)
आत्म-समर्पणकर्ता को गृह निर्माण के लिए 1 लाख 50 हजार रुपये अनुदान का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में इंदिरा आवास योजना में अनुदान की राशि उपलब्ध कराना प्रावधानित है।) आत्म-समर्पणकर्ता को विवाह के लिए 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है।)
आत्म-समर्पणकर्ता को बिना शर्त 5 लाख रुपये प्रोत्साहन अथवा इनाम राशि प्रदान करने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में आत्म-समर्पणकर्ता के नक्सल विरोधी अभियान में सहयोग के आधार पर घोषित इनाम राशि दिये जाने का प्रावधान है।)
आत्म-समर्पणकर्ता को अचल सम्पत्ति /जमीन क्रय के लिए 20 लाख रुपये अनुदान राशि का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में अनुदान राशि प्रावधानित नहीं है, केवल गरीबी रेखा के नीचे आने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों को भू-आवंटन का प्रावधान किया गया गया है।)
आत्म-समर्पणकर्ता के शिक्षण के लिए 1 लाख 50 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में अनुदान राशि प्रावधानित नहीं है, शासकीय योजनाओं में अस्पष्ट प्रावधान किए गए हैं।) आत्म-समर्पणकर्ता की उपयोगिता के आधार पर गोपनीय सैनिक अथवा उसके सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान में सफलता प्राप्त होने पर पुलिस विभाग में शासकीय नौकरी प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में शासकीय सेवा में नियुक्त होने की पात्रता रखने पर उसे नियुक्ति दिये जाने पर विचार किये जाने का प्रावधान है, अन्यथा उसे पात्रता अनुसार होमगार्ड के रूप में नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है।) नक्सल पीड़ित परिवार एवं शारीरिक अक्षमता के संबंध में स्पष्ट एवं वृहद उल्लेख है।
हिंसा में व्यक्ति / सुरक्षाकर्मी की मृत्यु होने की स्थिति में अनुग्रह राशि में वृद्धि की गई है। आम नागरिक को 15 लाख रूपये एवं सुरक्षाकर्मी को 20 लाख प्रावधानित है। (पूर्व नीति में आम व्यक्ति को 1 लाख रुपये एवं सुरक्षाकर्मी को 2 लाख रूपये प्रदान किये जाने का प्रावधान है।) नक्सल हिंसा में व्यक्ति / सुरक्षाकर्मी के शारीरिक अक्षम हो जाने पर 4 लाख रूपये अनुग्रह राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान है। (पूर्व नीति में स्थायी असमर्थ को 50 हजार एवं गंभीर घायल को 10 हजार रूपये प्रदाय किये जाने का प्रावधान है।)
मृतक के आश्रित को शासकीय सेवा में लिये जाने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। (पूर्व नीति में यदि मृतक का कोई सदस्य शासकीय सेवा में न हो तथा पात्रता रखने पर नियुक्ति पर विचार किये जाने का प्रावधान है।) अचल सम्पति को क्षति होने की स्थिति में राहत राशि का प्रावधान किया गया है। जैसे- पूरा मकान ध्वस्त होने पर रुपये 1 एक 50 हजार तथा आंशिक क्षति होने पर क्षति अनुसार अधिकतम रुपये 50 हजार का भुगतान किया जायेगा। (पूर्व नीति में क्षति होने पर कच्चे मकान हेतु 5 हजार रूपये एवं पक्के मकान के लिए 15 हजार रूपये क्षतिपूर्ति का प्रावधान है।) नक्सलियों के पुनर्वास के लिए समय-सीमा एवं प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश