Posted on 14 Nov, 2017 11:20 am

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी आवासीय भू-खण्ड विहीन लोगों को शीघ्र ही भू-खण्ड उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि एक निश्चित अवधि के बाद कोई भी भू-खण्ड विहीन नहीं रहेगा। आवासीय भू-खण्ड विहीन लोगों के लिये भू-अधिकार अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही, पिछड़ी जनजातियों सहरिया, भारिया एवं बैगा के भूमिहीन लोगों को कृषि भूमि के पट्टे देने का विशेष अभियान चलाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने आज मंत्रालय में आयोजित भू-अधिकार संबंधी उच्च-स्तरीय बैठक में भू-अधिकार अभियान की रूप-रेखा तय करने के लिये अधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिये। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि जिन लोगों के पास रहने के लिये जमीन नहीं है, उन्हें अनिवार्य रूप से जमीन उपलब्ध कराने के लिये प्रदेश में कानून बनाया गया है। इस कानून का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे भूखण्ड विहीन लोगों से आवेदन प्राप्त किये जाये तथा 26 जनवरी की ग्राम सभा में पात्र लोगों की सूची पढ़ी जाये। इसके बाद पात्र लोगों को आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराये जायें।

श्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ पर ऐसे व्यक्ति निवास कर रहे हैं और वहाँ जमीन उपलब्ध है, तो उन्हें उसी जमीन का भू-अधिकार सौंपा जाये। जहाँ जमीन उपलब्ध नहीं हैं, वहाँ आबादी घोषित कर सुव्यवस्थित ढ़ंग से आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराये जायें। शहरी क्षेत्र में जमीन नहीं होने पर बहुमंजिली इमारतों में आवास उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके साथ ही जिनके पास जमीन है और वे उसमें वर्षों से रह रहे हैं लेकिन उनके पास उसका कोई भू-अधिकार नही हैं, ऐसे लोगों को भी अभियान के दौरान भू-अधिकार पत्र उपलब्ध कराये जायेंगे।

इस अवसर पर बताया गया है कि पिछले दिनों चलाये गये राजस्व अभियान के अंतर्गत 8 लाख 72 हजार अविवादित नामांतरण और बँटवारा के प्रकरण निपटाये गये हैं। साथ ही, 26 लाख आवासीय पट्टे भी वितरित किये गये हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री आर.एस. जुलानिया, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पांडेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक वर्णवाल एवं श्री एस.के. मिश्रा, सचिव मुख्यमंत्री श्री विवेक अग्रवाल, श्री हरिरंजन राव, सचिव राजस्व श्री पी. नरहरि उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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