Posted on 07 Jul, 2020 5:45 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि उपभोक्ताओं को जून माह के राशन का वितरण सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही लंबे समय से राशन सामग्री न लेने वाले उपभोक्ताओं के नामों की समीक्षा करते हुए नए पात्र उपभोक्ताओं के नाम जोड़ने की कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा जिला कलेक्टर्स के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कुछ जिलों से उपभोक्ता भंडार द्वारा गड़बड़ी की शिकायतें प्राप्त होती हैं। शिकायतों की स्थिति को समाप्त किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग को निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं को पूर्व में मार्च, अप्रैल और मई माह का राशन प्रदान किया जा चुका है। कोविड-19 के संकट को देखते हुए सामग्री का अग्रिम प्रदाय भी किया गया। जून माह के लिए आवंटित खाद्यान्न के शत-प्रतिशत पात्र उपभोक्ताओं को वितरण का कार्य पूरा किया जाए। प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि 88 प्रतिशत खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है। उपभोक्ताओं की सुविधा को देखते हुए गत दो माह बायोमेट्रिक पद्धति की अनिवार्यता भी समाप्त की गई। उपभोक्ताओं के सर्वेक्षण का कार्य कर लिया गया है। प्रत्येक पात्र उपभोक्ता को खाद्य सामग्री का प्रदाय सुनिश्चित किया जा रहा है। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश में नहीं होगी उर्वरक और खाद की कमी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में उर्वरक और खाद आवश्यकता के अनुसार उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री से आग्रह किया गया है। श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिरिक्त उर्वरक प्राप्त करने के संबंध में यथासमय कार्यवाही पूर्ण करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रमुख सचिव कृषि को इस संबंध में जरूरी फॉलोअप करने के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा किए गए प्रयासों के पश्चात केन्द्र सरकार की ओर से आवश्यक कदम उठाने से अवगत भी करवाया गया है। इसी तरह गत वर्ष उपार्जित 6.45 लाख मेट्रिक टन गेहूँ केन्द्रीय पूल में दिए जाने के संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा किए गए अनुरोध पर केन्द्र सरकार द्वारा राज्य शासन के अधिकारियों से संवाद कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश