Posted on 25 Nov, 2017 7:43 pm

महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा है कि खेती भारतीयों के जीवन का आधार है। उन्होंने कहा कि हमारे परम्परागत खाद्यान्न मक्का, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा आदि मानव जीवन के लिये सदा से स्वास्थ्यवर्धक साबित हुए हैं। वर्तमान में कृषि अनुसंधान के साथ-साथ न्यूट्रिशन लिट्रेसी और पोषण के लिये खेती को ग्राम तक जन-आंदोलन बनाना हमारा सामाजिक दायित्व है। श्रीमती चिटनिस भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की बुरहानपुर में आरंभ हुई जोनल अंतर्राज्यीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं।

देश में जिला स्तर पर आयोजित यह पहली अंतर्राज्यीय कार्यशाला है। कार्यशाला में मध्यप्रदेश सहित उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ के 5 विश्वविद्यालयों के कुलपति भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 15 संस्थानों के निदेशक, 105 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक तथा प्रतिनिधियों सहित कृषकों ने भाग लिया। इस तीन दिवसीय कार्यशाला में मुख्यत: पोषण के लिये कृषि तथा जैव विविधता संरक्षण और कृषि से होने वाली आय को दुगना करने के लिये जिलावार कार्य-योजना बनाने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि बुरहानपुर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर केला, कपास और उद्यानिकी संबंधी उत्पादों की प्रचुरता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यशाला से व्यवहारिक सुझाव सामने आयेंगे। उन्होंने कहा कि लघु और सीमांत कृषक को ध्यान में रखकर कृषि अनुसंधान की नितांत आवश्यकता है। साथ ही कृषि-पशुपालन-मछली पालन तथा अन्य सामान्य गतिविधियों को समग्र रूप से देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों को कृषकों की आय में सुधार के उपाय के लिये कार्य करना चाहिये।

महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनिस ने कहा कि न्यूट्रिशन सेंसेटिव गतिविधियों की ओर ध्यान देना होगा। इसके लिये न्यूट्रिशन्स स्मार्ट, मार्केट स्मार्ट, क्लाइमेट स्मार्ट कृषि को विकसित करना होगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

Recent