Posted on 03 Dec, 2017 8:05 pm

भोपाल : रविवार, दिसम्बर 3, 2017
 

घर को सुंदर बनाने में गृहणियों की पहली पसंद फिश एक्वेरियम ही होता है। यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि फिश एक्वेरियम की रंगीन मछलियों के बीज भी फार्म में ही उत्पन्न होते है।

ऐसी ही करीब 30 प्रकार की रंगीन मछलियों की प्रजाति का उत्पादन केंद्र सरफराज खान ने मत्स्य विभाग के सहयोग से खरगोन के प्रेमनगर में वर्ष 2009 में शुरू किया। खरगोन के सरफराज खान के मछली पालन के शौक को पूरा करने का संघर्ष भी उतना ही रोचक है। वे स्कूल से सीधे खरगोन की ओंडल नदी पर सिर्फ मछलियों को दाना खिलाने जाया करते थे। कुछ समय के बाद खराब आर्थिक स्थिति के कारण सरफराज खान ने ठेला लेकर शहर के फुटपाथ पर मात्र 550 रूपए के 7 फिश पॉट से अपना रंगीन मछली फार्म का सपना पूरा करने का पहला कदम रखा।

वर्ष 2009 में सरफराज खान को मत्स्य विभाग की मत्स्य कृषक विकास अभिकरण योजना द्वारा 8 लाख का लोन और 90 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत हुआ। इससे इन्होंने रंगीन मछलियों का बीज उत्पादन केंद्र बना लिया। खरगोन शहर के पास के गांव प्रेमनगर में एक एकड़ जमीन खरीदी और फार्म तैयार किया। इसके लिए कुआं खुदवाया और ट्यूबवेल पंप की व्यवस्था भी की। इसके बाद इन्हें विभाग द्वारा भुवनेश्वर की केंद्रीय फ्रेशवॉटर एक्वॉकल्चर संस्थान, मरीन प्रोडॅक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के कोच्ची केंद्र और नई दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। इसके बाद सरफराज ने वो कर दिखाया जो प्रदेश में पहला उभरता रंगीन मछली बीज उत्पादन केंद्र बना गया।

पूरे मध्यप्रदेश में रंगीन मछली बीज उत्पादन के केवल 2 केंद्र है। उनमें से एक के मालिक सरफराज खान है जो प्रदेश में पहला है। सरफराज प्रदेश में 7 फेंचाइजी के सहयोगी हैं और खरगोन में इनका सुंदर-सा फिश हॉउस भी है। अब सरफराज खान प्रदेश में कार्यरत दो रंगीन मछली बीज उत्पादन केंद्र में एक के मालिक है।

प्रेमनगर में सरफराज के फार्म पर आज गोल्ड फीश, एंजल, चिचलेट, मौली, गप्टी और कार्प, कामन मार्प सहित प्लेटी प्रजाति की कई प्रकार की मछलियां है। इनकी एक-एक प्रजाति में 100-100 प्रकार की मछलियां होती है। उनको इस बात की ज्यादा खुशी है कि एक समय वो ओंडल नदी में मौली और गप्टी को दाना खिलाते थे। आज वो बैंकाक की कार्प, ब्रुडल और एंजल तथा एक दर्जन से अधिक रंगीन मछलियों को दाना देते है। सरफराज के फार्म की मछलियां अब मुंबई, चेन्नई और कलकत्ता के बाजार की ज़ीनत हैं। अब सरफराज शुद्ध रूप से प्रतिमाह 40 से 50 हजार की कमाई करने के साथ 5 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे है।

सफलता की कहानी (खरगोन)

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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