Posted on 12 Nov, 2021 1:48 pm

लंबे समय से अपनी कृषि भूमि पर बारिस के मौसम में सिर्फ एक फसल लेते आ रहे भोपाल जिले की बैरसिया तहसील के ग्राम पंचायत सोनकच्छ के ग्राम टांडा निवासी गरीब कृषक विक्रम सिंह सहरिया की कपिलधारा कुएँ ने तकदीर बदल दी है। अब विक्रम सिंह ने अपने ही खेत में सिंचाई वाला कुआं खनन कर न केवल खेत के लिए पानी की व्यवस्था की बल्कि मनरेगा योजना में कुआं खुदाई की मजदूरी से पैसा भी कमाया। अपने खेत में सिंचाई का स्थाई साधन बन जाने से विक्रम सिंह अब साल में तीन फसल लेने के साथ सब्जियों का उत्पादन भी कर रहे हैं। विक्रम बताते है कि-"कपिलधारा कुएँ से उनकी कृषि आय में 3 से 4 गुना वृद्धि हुई हैजिससे वे अपने परिवार का लालन-पालन बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं।'' राज्य सरकार से उन्हें कपिलधारा कूप के लिये 2 लाख 91 हजार रूपये स्वीकृत हुए थे।

शांति बाई का जीवन भी अब खुशहाल और चिंताओं से मुक्त है

 भोपाल जिला मुख्यालय से ही 21 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सूखी सेवनियां निवासी 32 वर्षीय श्रीमति शांति बाई अनुसूचित जनजाति की हैं। जिला प्रशासन की पहल पर उनके परिवार को गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों की श्रेणी में चिन्हित कर शासन की योजनाओं का लाभ मिला। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में आवास स्वीकृत होने के साथ-साथ श्रीमती शांति बाई को उज्जवलालाड़ली लक्ष्मीनल-जल योजना का और उनके बच्चों को स्कूल ड्रेस और किताबों का लाभ भी प्राप्त हो रहा है। मध्यप्रदेश की इन योजनाओं से शांति बाई और उनके परिवार का जीवन अब खुशहाल और चिंताओं से मुक्त हुआ है। 

 श्रीमती शांति बाई बताती हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी। एक छोटे से कच्चे घर में अपने परिवार के साथ निवास करती थीं। बरसात में घर में पानी भर जाया करता था। ऐसे में रात भर नींद नहीं आती थी कि कहीं कच्चा घर न गिर जाये। जैसे-तैसे वे अपने परिवार के साथ जीवन का निर्वाह कर रही थीं। परिवार के लिए पक्के मकान में रहना तो एक सपने जैसा था। अब पक्का मकान होने और दूसरी योजनाओं का लाभ मिलने से उनके परिवार का जीवन ही बदल गया है। अब वे अपने परिवार के साथ सम्मान पूर्वक खुशी-खुशी अपना जीवनयापन कर रहीं हैं।

 श्रीमती शांति बाई ने बताया कि- ''शासन की योजनाओं से मुझे गैस की टंकीघरआधार कार्डमजदूरी कार्ड मिला है और मेरे बच्चों को स्कूल ड्रेस और किताबें नि:शुल्क प्राप्त हुई हैं। मेरे परिवार की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है। मेरे खुशहाल जीवन के लिए मैं सरकार को धन्यवाद देती हूँ।''

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश