पर्यावरण बचाने और जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाने मिशन लाइफ से जुड़ें
Posted on 10 Sep, 2024 7:29 pm
पर्यावरण को बचाने और जलवायु परिवर्तन के खतरों के प्रति जागरूक होने के लिये सभी जिम्मेदार नागरिकों के लिये मिशन लाइफ से जुड़ने और इस विषय में अपने विचार रखने का अनूठा अवसर मिल रहा है। इच्छुक नागरिक https://ideas4life.nic.in पर अपने विचार 15 सितम्बर 2024 तक दे सकते हैं। उत्कृष्ट विचारों को व्यक्तिगत एवं संस्थान स्तर पर आकर्षक पुरस्कार दिये जायेंगे।
मिशन लाइफ क्या है ?
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन-2021 में पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौती के सन्दर्भ में जीवन-शैली में बदलाव के लिए विश्व समुदाय का आह्वान किया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा मिशन लाइफ कार्यक्रम प्रारंभ किया। यह एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन-शैली को बढ़ावा देना है। इस मिशन में सभी नागरिकों को अपने दैनिक जीवन में सरल और प्रभावी पर्यावरण-अनुकूल कार्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
मिशन लाइफ के सात प्रमुख विषय हैं। जल संरक्षण में पानी की बचत के उपाय अपनाना, ऊर्जा संरक्षण में ऊर्जा की खपत को कम करना, कचरा प्रबंधन में कचरे को कम करना और रिसायकल को बढ़ावा देना, ई-वेस्ट प्रबंधन में ई-वेस्ट का सही तरीके से निपटान करना, सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करना, प्लास्टिक के उपयोग को कम करना, स्वस्थ्य एवं सतत खाद्य प्रणाली को प्रोत्साहन देने स्वस्थ और पर्यावरण-अनुकूल खाद्य प्रणाली अपनाना, स्वस्थ जीवन-शैली अपनाने के लिए स्वस्थ जीवन-शैली को बढ़ावा देना शामिल है।
मिशन लाइफ का उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना एवं पारंपरिक और पर्यावरण मित्र जीवन-शैली पर आधारित सांस्कृतिक मूल्य के महत्व को रेखांकित करना है। हाल ही में 29 जुलाई-2024 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत शासन ने एक नवाचार के तहत ideas4LIFE लॉन्च किया है। इस पहल में छात्रों, शोधार्थियों, शिक्षको को एक मंच प्रदान किया जा रहा है, जहाँ वे अपने पर्यावरण-अनुकूल विचारों और नवाचारों को साझा कर सकते हैं।
इस पहल के उद्देश्यों में नवाचार को बढ़ावा देना, पर्यावरण संरक्षण के लिए नए और प्रभावी समाधान विकसित करना, साझा करना और सीखना, विभिन्न व्यक्तियों के बीच विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करना है।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश