Posted on 08 Apr, 2022 9:51 pm

स्कूल शिक्षा विभाग की सभी योजनाओं का लाभ दिव्यांग बच्चों को मिले। पूर्ण संवेदनाओं के साथ समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उनकी स्कूली शिक्षा निर्वाध रूप से पूर्ण कराना हम सभी का कर्त्तव्य है। राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक श्री धनराजू एस. सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय बैरागढ़ में दिव्यांग बच्चों के सुचारू अध्ययन के लिये शिक्षकों की प्रशिक्षण आवश्यकता के आंकलन के लिये हुई कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। संचालक श्री धनराजू और अपर मिशन संचालक श्री लोकेश कुमार जांगिड़ ने कार्यशाला के निष्कर्षों की समीक्षा भी की। राज्य शिक्षा केन्द्र संचालक द्वारा निष्कर्षों के आधार पर प्रमुख बिन्दु जैसे दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ाने शिक्षकों के लिये ब्रेललिपि का प्रशिक्षण, श्रवण बाधित बच्चों को पढ़ाने के लिए संकेत भाषा का प्रशिक्षण आदि को आगामी शिक्षा-सत्र में शामिल करने की जानकारी दी गई।

समग्र शिक्षा अभियान में समावेशित शिक्षा योजना के तहत शिक्षकों को दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने, विभिन्न विधाओं संबंधी प्रशिक्षण आवश्यकता का आंकलन तथा शाला से बाहर दिव्यांग बच्चों के गेप का विश्लेषण सर्वे किया गया है। सर्वे में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिये कार्यरत विभिन्न स्रोत व्यक्तियों, स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला के दौरान शिक्षक और अभिभावक की प्रश्नावलियाँ तैयार कराई गई हैं। सभी जिलों की ऐसी शालाओं के शिक्षकों से प्रश्नावलियाँ भरवाई गई, जहाँ दिव्यांग बच्चे अध्ययनरत हैं। इसी प्रकार ऐसे अभिभावकों से भी प्रश्नावलियाँ भरवाई गईं, जिनके दिव्यांग बच्चे शाला से बाहर हैं। उपरोक्त सर्वे कार्य उपरांत प्रश्नावलियों का विश्लेषण जिला स्तर पर कराया जाकर प्रतिवेदन तैयार किया गया।

राज्य स्तरीय कार्यशाला में उक्त विश्लेषण के आधार पर सभी जिलों के प्रतिवेदनों को संभाग वार एकजाई किया गया। एकजाई प्रतिवेदन के आधार पर राज्य स्तर पर प्रशिक्षण की आवश्यकता के प्राप्त विभिन्न विश्लेषणों का प्रस्तुतिकरण तैयार किया गया। आवश्यकता के आधार पर भविष्य में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा।

संचालक श्री धनराजू और अपर मिशन संचालक श्री जांगिड़ ने सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय में आंशिक दृष्टिबाधित बच्चों की पहचान के लिए तैयार लो-विजन लेब तथा लो-विजन किट का भी अवलोकन किया। सेवासदन चिकित्सालय द्वारा आंशिक दृष्टिबाधित बच्चों को लो-विजन किट निःशुल्क प्रदान करने की जानकारी दी गई। किट अधिक से अधिक बच्चों को प्राप्त हो सकें, इसके लिए संचालक श्री धनराजू ने कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। उन्होंने शिक्षकों के प्रशिक्षण की आवश्यकता विश्लेषण के लिए तैयार किए गए टूल्स एवं विश्लेषण पर गंभीरता के साथ प्रतिवेदन तैयार करने के लिए जिले के डाइट प्रभारी तथा सहायक परियोजना समन्वयकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह टूल्स दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए आगामी योजना तैयार करने में मददगार साबित होगा। भविष्य में पूर्व प्राथमिक शिक्षा संबंधी आयु वाले दिव्यांग बच्चों की शत-प्रतिशत स्क्रीनिंग कराई जाकर उनके दिव्यांगता प्रमाण-पत्र तैयार कराए जायेंगे तथा उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ते हुए सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए जायेंगे।

संचालन राज्य शिक्षा केन्द्र समावेशित शिक्षा कक्ष के नियंत्रक डॉ. रमाशंकर तिवारी एवं समन्वयक श्री प्रदीप मालवीय ने किया। सभी जिलों के जिला शिक्षा केन्द्र से सहायक परियोजना समन्वयक, समावेशित शिक्षा तथा डाइट के समावेशित शिक्षा प्रभारी ने सहभागिता की।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश