Posted on 24 Oct, 2017 9:10 pm

 

मुख्य सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह ने शिवपुरी में ग्वालियर संभाग के राजस्व अधिकारियों की बैठक ली। मुख्य सचिव ने जिलेवार राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकारी भूमि हस्तांतरण के मामलों में सर्तकता बरतें। उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तत्परता से कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव श्री सिंह ने राजस्व अधिकारियों से कहा कि डायवर्सन के प्रकरणों में राशि जमा होने के बाद ही आदेश जारी करें। पटवारी बस्तों का निरीक्षण करें और लापरवाह पटवारियों के विरूद्ध कार्यवाही करें। पीठासीन अधिकारी अपने न्यायालयों का बारीकी से निरीक्षण करें। पटवारी हल्कों के निरीक्षण के लिये अभियान संचालित करें। अभियान के दौरान पटवारी बस्तों का आकस्मिक निरीक्षण भी करें और सूखाग्रस्त घोषित जिलों के कलेक्टर तुरंत अपनी रिपोर्ट भेंजे।

पर्यटन सचिव श्री हरीरंजन राव ने मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आवेदकों को समय-सीमा में ये सेवाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने कलेक्टरों को आधुनिक रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। आयुक्त भू-अभिलेख श्री एम.के.अग्रवाल ने कहा कि नामांतरण पंजी जमा नहीं कर रहे राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। बैठक को प्रमुख राजस्व आयुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया।

संभागायुक्त श्री एस.एन.रूपला ने बैठक में पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से संभाग में किए गए राजस्व न्यायालयों के निरीक्षण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्वालियर संभाग के सभी 5 हजार 53 ग्रामों में बी-1 का प्रभावी रूप से वाचन कराया गया है। संभाग में 77 हजार 401 नामांतरण के प्रकरण प्राप्त हुए। इनमें से 76 हजार 236 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पाण्डे, पर्यटन सचिव श्री हरीरंजन राव, प्रमुख राजस्व आयुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव, आयुक्त भू-अभिलेख श्री एम.के.अग्रवाल, ग्वालियर संभागायुक्त श्री एस.एन.रूपला, संभाग के जिला कलेक्टर्स एवं अन्य राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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