Posted on 05 Dec, 2017 8:08 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा सेवा यात्रा के एक वर्ष पूर्ण होने पर 11 दिसम्बर को जबलपुर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इस दौरान नर्मदा नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिये सालभर में किये गये कार्यों की प्रगति जनता के सामने रखी जायेगी। उन्होंने नर्मदा सेवा मिशन के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुये कार्यों में तेजी लाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया। श्री चौहान ने विगत 2 जुलाई को हुये पौध रोपण के 90 प्रतिशत पौधे जीवित होने पर प्रसन्नता जाहिर की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नर्मदा नदी के प्रवाह को निर्मल और प्रबल बनाने के लिये विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की आज मंत्रालय में विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया की सभी स्वीकृत कार्य शीघ्र शुरु किये जायें। कार्यों की पूरी जानकारी से जनता को अवगत कराया जाये। घाटों पर बनाये जा रहे चेंजिंग रुम की संख्या आवश्यकतानुसार बढ़ायी जाये। किसानों को खेतों में फलदार पौधे लगाने के लिये प्रेरित किया जाये। पौधों को गर्मी से बचाने के लिये पानी का इंतजाम पहले से किया जाये। साथ ही आगामी वृक्षारोपण के लिये पौधे आदि की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित कर ली जाये। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पेड़ों को बचाने के लिये हरसंभव व्यवस्था की जाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नदियों की सीमा का चिन्हांकन करने तथा अतिक्रमण हटाने के लिये भी अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने आगामी 24 जनवरी को नर्मदा जयंती के पहले घाटों की सफाई, रंगाई-पुताई करके घाटों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा तट के सभी गांवों तथा नगरों में सरकार और समाज मिलकर नर्मदा जयंती मनायेंगे। मुख्यमंत्री ने नई खनन नीति को प्रभावी रुप से लागू करने तथा कारखानों का एक बूंद पानी नदी में प्रवाहित नहीं होना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। साथ ही अध्यात्मिक पर्यटन स्थल चयन करने के भी निर्देश दिये, जहां लोग एकांत में ध्यान-योग कर सकें।

इस अवसर पर बताया गया कि नर्मदा नदी के दोनों तटों पर विगत 2 जुलाई को 1 लाख 21 हजार स्थानों पर 7 करोड़ 10 लाख पौधे लगाये गये थे। इनमें से 90 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। इसी तरह किसानों के खेतों में 13 हजार 906 हेक्टेय़र में फलदार पौधे लगाये गये। इनमें से 97 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। नदी के किनारे स्थित गांवों में 309 कचरा पेटियां रखी गईं, 44 नगरीय निकाय के 9 क्लस्टर में ठोस अवशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था की जा रही है, 243 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है एवं प्रत्येक नगरीय निकाय में दो-दो चलित शौचालयों की व्यवस्था की गई है। नदी पर 26 घाट बनाये जायेंगे जिनमें पांच घाटों का निर्माण कार्य स्वीकृत किया जा चुका है तथा 4 घाटों का जीर्णोद्धार कार्य शुरु किया गया है। घाटों पर महिलाओं के लिये 119 चेंजिंग रूम बनाये गये हैं। इसी प्रकार 28 स्थानों पर विसर्जन कुंड एवं 19 मुक्तिधाम का निर्माण करवाया गया है, होशंगाबाद में गैस आधारित शवदाह गृह निर्माणाधीन है। बताया गया कि नर्मदा नदी के किनारे के 20 नगरों की सीवेज परियोजनाएं तैयार हैं जिनमें 10 नगरीय निकायों में इस माह के अंत तक तथा शेष सभी में मार्च तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरु हो जायेगा।

इस दौरान बताया गया कि नर्मदा नदी के तट के 16 जिलों के किसानों के खेत की मेड़ों में 75 लाख 26 हजार पौधे लगाये गये हैं, 1202 बायोगैस संयंत्र निर्मित किये गये हैं, 24030 मेंढ़ बधान के कार्य शुरु किये गये हैं तथा 29 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये हैं। जैविक प्रमाणीकरण के लिये 353 गांवों में 39 हजार परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं, नाडेप और वर्मी कम्पोस्ट की गतिविधियां शुरु की गईं हैं, 363 नाडेप स्वीकृत किये गये हैं एवं 400 हेपीसेडर यंत्र भी स्वीकृत किये गये हैं। इसी प्रकार 503 मछुआरों का प्रशिक्षण एवं 34 लाख मत्स्य बीज का वितरण किया गया है। बताया गया कि अगले वर्ष 426 तालाबों का निर्माण किया जायेगा। पशुओं के उपचार के लिये 576 ग्राम पंचायतों मे शिविर लगाये गये, जिनमें 21271 पशुओं का उपचार किया गया। स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिये 115 दोना-पत्तल निर्माण ईकाईयां एवं 26 मिट्टी के कुल्लड़ निर्माण ईकाई स्वीकृत की गई हैं। इस मौके पर बताया गया कि नदी के किनारे 935 सीमांकन किये गये तथा 413 अतिक्रमण हटाये गये।

बैठक में वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, जन-अभियान परिषद के उपाध्यक्ष द्वय श्री प्रदीप पांडे एवं श्री राघवेन्द्र गौतम तथा वन, ऊर्जा, नगरीय विकास, ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, नर्मदा घाटी, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, आवास एवं पर्यावरण, खनिज, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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