Posted on 24 Oct, 2017 9:06 pm

 

आईटीआई के मूल्यांकन के पूरे अधिकार राज्य सरकार को दिए जाएंगे। प्रायवेट आईटीआई की ग्रेडिंग की जाएगी। केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज यहाँ कौशल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं पर चर्चा के दौरान यह जानकारी दी।

श्री प्रधान ने कहा कि प्रायवेट आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलेज को भी प्रमोट करें, लेकिन गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करें। उन्होंने कहा कि अप्रेन्टिसशिप के लिए हरियाणा राज्य का मॉडल अपनाएं।

योजनाओं के क्रियान्वयन का सरलीकरण होगा

केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री प्रधान ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जाएगा। प्रक्रियाओं को सरल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरपीएल योजना का विस्तार करें। इसमें निर्माण श्रमिकों के अलावा अन्य परम्परागत व्यवसाय से जुड़े कुशल कारीगरों को भी जोड़ें। उन्होंने कहा कि पी.एम. के.व्ही.वाय., मुख्यमंत्री रोजगार संवर्धन योजना तथा मुख्यमंत्री कौशल्या योजनाओं में लगभग 6 लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर उनके प्लेसमेंट की व्यवस्था करें। यह कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूरा करें।

तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल शिक्षा एवं श्रम राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स इंस्टीट्यूट (टॉट) के संचालन में आ रही कठिनाइयों को दूर करने का अनुरोध किया।

प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्री संजय बंदोपाध्याय ने विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने प्रदेश में किये गए नवाचारों की भी जानकारी दी। इस दौरान संचालक कौशल विकास श्री संजय सिंह एवं संचालक तकनीकी शिक्षा श्री वीरेन्द्र कुमार उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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