Posted on 09 Apr, 2022 4:20 pm

योजनाओं के क्रियान्वयन में सिविल सोसायटी संगठन फीडबैक दें। शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों का मूल्यांकन निष्पक्ष रूप से करें। इस तरह के विचार वक्ताओं ने सतत विकास में भागीदारी एवं अनुभवों को साझा करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के सम्मेलन सत्र "सरकारी कार्यक्रमों/योजनाओं के प्रभाव मूल्यांकन और अध्ययन में स्वयं सेवी संस्थाओं की भूमिका" में दिये।

सत्र की अध्यक्षता कर रहे सदस्य सचिव मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग श्री स्वतंत्र सिंह ने कहा कि जन-भागीदारी को प्रमोट करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाएँ आगे आयें। उन्होंने कहा कि विकसित देशों को विकसित बनाने में सिविल सोसाइटी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

सतत संवाद हो

समर्थन भोपाल के श्री योगेश कुमार ने कहा कि जन-अभियान परिषद के माध्यम से स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जिला अथवा विकासखण्ड स्तर पर सतत संवाद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के निष्पक्ष मूल्यांकन से नीति निर्धारण में मदद मिलेगी।

शोध भोपाल के डॉ. योगेश राठौर ने कहा कि छोटी-छोटी संस्थाएँ न्यूनतम संसाधनों पर अधिकतम कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विविधता में विविधता है। योजनाओं का मूल्यांकन करते समय इन विविधताओं पर ध्यान जरूर दें। ट्रांसफार्म रूरल इण्डिया फाउण्डेशन की श्रीमती नेहा गुप्ता और सृजन भोपाल के श्री पुरूषोत्तम धाकड़ ने भी विचार व्यक्त किये। सत्र में सहभागियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश