Posted on 19 Nov, 2020 7:37 pm

प्रदेश में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री को रोकने और मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाये जायें। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाये गये मिलावट से मुक्ति अभियान को प्रभावी बनाकर डार्क-स्पॉट चिन्हित कर तत्काल कार्यवाही करें।

मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने आज मंत्रालय में मिलावट से मुक्ति अभियान की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को उक्त निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान का उद्देश्य नागरिकों को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाना एवं मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करना है। अभियान अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा 11 नवम्बर को चलित खाद्य प्रयोगशालाएँ रवाना की गई थीं। इन चलित प्रयोगशालाओं का प्रभावी असर क्षेत्र में दिखना चाहिये। श्री बैंस ने कहा कि आमजन तक चलित प्रयोगशालाओं का संदेश पहुँचे, जिससे वे मिलावट के प्रति जागरूक होकर खाद्य पदार्थों की जाँच करवायें।

मुख्य सचिव श्री बैंस ने चलित खाद्य प्रयोगशाला द्वारा नमूनों की जाँच रिपोर्ट उपभोक्ताओं को व्हाट्सअप अथवा अन्य तकनीकी प्लेटफार्म पर देने और इसके आँकड़ों को संग्रहित करके करने के भी निर्देश दिये। चलित खाद्य प्रयोगशाला द्वारा जारी रिपोर्ट को एमआईएस सिस्टम से लिंक करने के लिये भी अधिकारियों को कहा। उन्होंने कहा कि आम उपभोक्ताओं को बताया जायें कि वे मात्र 10 रूपये के शुल्क के साथ अपने खाद्य पदार्थ की जाँच करवा सकते है। खाद्य पदार्थ अवमानक होने पर उपभोक्ता फोरम में उपभोक्ता स्वयं भी शिकायत दर्ज करवा सकता है। विभाग प्रकरण तुरंत दर्ज करवाये।

मिलावट के विरुद्ध अब तक हुई कार्यवाही

समीक्षा बैठक में बताया गया कि पिछले एक सप्ताह में 49 लाख 62 हजार 659 रूपये कीमत के मिलावटी खाद्य पदार्थों की जप्ती की गई है। जप्त की गई सामग्री में मुरैना जिले से 20 लाख रूपये कीमत का मिलावटी दूध, 29 हजार 200 रूपये कीमत का रिफाइन्ड ऑयल और 51 हजार रूपये कीमत का पनीर जप्त किया गया। भोपाल जिले से 10 लाख रूपये कीमत की मावा बर्फी और पनीर, जबलपुर जिले से 3 लाख 92 हजार कीमत का मावा और मिल्क केक, ग्वालियर जिले से एक लाख 42 हजार कीमत की बर्फी जप्त की गई। पिछले एक सप्ताह के दौरान ग्वालियर संभाग में खाद्य पदार्थों में मिलावट के 6 प्रकरण और जबलपुर संभाग में मिलावट के 3 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज कराई गई।

जाँच नमूनों पर क्यूआर कोडिंग होगी

स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय गोयल ने बताया कि राज्य खाद्य प्रयोगशाला में खाद्य पदार्थों के नमूनों की जाँच की क्षमता को 500 से बढ़ाकर 1000 नमूने प्रतिमाह कर दिया गया है। अभियान के तहत 1700 प्रति माह नमूनों की जाँच का लक्ष्य निर्धारित है। मिलावट से मुक्ति अभियान में भविष्य की योजना और रणनीति के संबंध में भी जानकारी दी गई। प्राथमिकता वाले नमूनों की जाँच को तेजी से किया जायेगा। जाँच नमूनों पर क्यूआर कोडिंग की जायेगी। अभियान की गतिविधियों पर सतत् नजर रखने के लिये मुख्यालय से रोजाना की कार्यवाही की मॉनीटरिंग की जायेगी।

3129 जाँच नमूने लिये गये

बैठक में बताया गया कि पिछले एक सप्ताह में जाँच के लिये खाद्य पदार्थो के 3129 नमूनों को लिया गया। राज्य खाद्य प्रयोगशाला द्वारा 490 नमूनों की जाँच रिपोर्ट जारी की गयी इनमें से 368 मानक और 77 अवमानक स्तर के पायें गये। खाद्य पदार्थों के 32 नमूने मिथ्याछाप और 5 नमूने जॉच में असुरक्षित पाये गये। एडीएम न्यायालय द्वारा 8 लाख 50 हजार और सीजीएम न्यायालय द्वारा 11 हजार रूपये का अर्थदण्ड पिछले सप्ताह के दौरान पारित आदेशों में मिलावटखोरों के विरूद्ध अधिरोपित किया गया।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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