Posted on 11 May, 2020 10:10 pm

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लॉकडाउन के कारण गुजरात में फंसे छत्तीसगढ़ के 1208 श्रमिकों, छात्रों और चिकित्सा की आवश्यकता वाले लोगों को लेकर पहली स्पेशल ट्रेन आज सुबह बिलासपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंची। जिला प्रशासन द्वारा फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए उनकी स्वास्थ्य जांच की गई। मजदूरों को स्टेशन से बाहर ले जाने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी स्टेशन पर मौजूद रहें। श्रमिकों को क्वॉरेंटीन सेंटर ले जाने के लिए बसें तैयार की गई हैं। संबंधित गांवों में उन्हें क्वारेंटीन पर रखने की तैयारी भी कर ली गई।

   श्रमिकों की यह स्पेशल ट्रेन अहमदाबाद से गोधरा, रतलाम, बीना, कटनी, पेन्ड्रारोड होते हुए बिलासपुर पहुंची। रास्ते में एक जगह ऑपरेशल स्टापेज दिया गया। कल शाम को ट्रेन में ही इनके लिए रात्रि भोजन की व्यवस्था कर दी गई थी। इस ट्रेन में 1208 श्रमिक पहुंचे हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ट्रेन में सर्वाधिक मजदूर बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड से हैं। इसके अलावा मुंगेली जिले के 20, जांजगीर-चाम्पा जिले के 53 और दुर्ग जिले के 11 मजदूर शामिल हैं।
    श्रमिकों की यह स्पेशल ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब 15 मिनट पहले ही बिलासपुर स्टेशन पहुंच गई। देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे मजदूरों को छत्तीसगढ़ के लिए चलने वाली 15 ट्रेनों में से यह पहली ट्रेन थी। स्टेशन पर मजदूरों को डिब्बे से बारी-बारी से उतारा गया। प्लेटफार्म पर उतरते ही उन्हें सैनेटाइज किया गया और उनको मास्क प्रदान किया गया। स्टेशन पर ही इनके लिए सुबह नाश्ते की व्यवस्था भी कर दी गई थी। ट्रेन से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म पर इन श्रमिकों को कतारबद्ध बैठने के लिए मार्किंग कर दी गई है। इस काम को संभालने के लिए कलेक्टोरेट, जिला पंचायत और जनपदों के कर्मचारी, अधिकारियों को लगाया गया है। द्वितीय श्रेणी यात्री प्रतीक्षालय के एक हिस्से को स्वास्थ्य जांच केन्द्र के रूप में परिवर्तित किया गया है, जहां पर प्रत्येक यात्री के स्वास्थ्य की जांच थर्मल स्कैनिंग के जरिये की जा रही है। ऐसे प्रत्येक व्यक्ति का सैम्पल लिया जा रहा है जिन्हें सर्दी, खांसी या बुखार की शिकायत है।
    स्पेशल ट्रेन से आए इन श्रमिकों को उनके गतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। बिलासपुर जिले के श्रमिकों के लिये 60 बसें तैनात की गई हैं। इसके अलावा कुछ श्रमिक बेमेतरा, मुंगेली तथा जांजगीर जिलों से भी हैं। इनके लिए संबंधित जिलों से वाहन आये हैं। बसों को भी सैनेटाइज किया गया है और उनमें 20-22 यात्रियों को ही ले जाया जायेगा, ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग बनी रहे। बसों में पंचायत विभाग के कर्मचारी के साथ पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गयी है। प्रत्येक प्रक्रिया सावधानी पूर्वक पूरी कराई जा रही है, इसके कारण सभी मजदूरों को अपने गांव तक निकलने में अभी तीन से चार घंटे का वक्त लग सकता है। बिलासपुर जिले में 1066 क्वारांटीन सेंटर बनाये गये हैं। ये सेंटर प्रायः गांव के बाहरी हिस्से में स्थित सामुदायिक भवन, छात्रावास, स्कूल या कॉलेज भवन हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़