Posted on 11 Nov, 2021 2:59 pm

वनमंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि प्रदेश में तेन्दूपत्ता संग्रहण के जरिए राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा 33 लाख संग्राहकों, जिनमें अधिकतर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के हैं, को आर्थिक मजबूती प्रदान की जा रही है। इन वर्गों को तेंदूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक और प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) प्रदान किया जा रहा है। इनमें 44 फीसदी महिलाएँ हैं।

वनमंत्री डॉ.शाह ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीयकृत लघुवनोपज के व्यापार से होने वाली शुद्ध आय का 70 प्रतिशत भाग संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में बोनस, 15 फीसदी वन विभाग की देख-रेख में विकास और प्रशिक्षण आदि के लिए और 15 फीसदी ग्रामों की मूलभूत सुविधाओं और कल्याणकारी योजना के क्रियान्वयन में खर्च किया जाता है।

397 करोड़ का हुआ भुगतान

वनमंत्री डॉ. शाह ने बताया कि पिछले वर्ष 15.88 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण में संग्राहकों को 397 करोड़ रूपये मजदूरी का भुगतान किया गया। इस वर्ष 16.60 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। संग्रहण वर्ष 2018 में संग्रहित और तेंदूपत्ता के व्यापार से अर्जित हुए शुद्ध लाभ में से 282.47 करोड़ रूपए की राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में भुगतान की गई है।

प्रति मानक बोरा की बढ़ाई दर

वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर संग्रहण मजदूरी 2 हजार रूपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 2500 रूपये प्रति मानक बोरा निर्धारित की गई है। संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित मात्रा अनुसार नगद भुगतान की व्यवस्था भी की गई है।

वन धन विकास केन्द्र योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के 13 जिलों में 86 केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं। इसमें एक केन्द्र में 300 संग्राहकों के मान से 25 हजार 800 संग्राहक होंगे। ट्राइफेड द्वारा प्रत्येक केन्द्र में 15 लाख रूपये प्रशिक्षण और उपकरणों के लिए मंजूर किए गए हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश