Posted on 29 Aug, 2021 7:18 pm

वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है किप्रदेश के किसानों को कम मेहनत और कम रिस्क में ज्यादा लाभ दिलाने के लिए वन विभाग द्वारा बाँस की फसल को प्रोत्साहित किए जाने के साथ ही अनुदान उपलब्ध कराया जाकर उन्हें समृद्ध बनाया जा रहा है।

वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि म.प्र. राज्य बाँस मिशन बोर्ड द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में 3597 किसानों द्वारा 3520 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया गया। इन किसानों को तकरीबन 7 करोड़ 20 लाख रूपये का अनुदान उपलब्ध कराया गया। स्व-सहायता समूहों को आत्म-निर्भर बनाने के मकसद से 83 स्व-सहायता समूहों द्वारा मनरेगा में 1020 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण किया गया।

4443 हेक्टेयर क्षेत्र में होगा बाँस रोपण

वन मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि चालू वित्तीय साल में 3 हजार से ज्यादा किसानों द्वारा 4443 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया जा रहा है। इसके लिए 10 करोड़ 60 लाख रूपये का अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह पिछले साल में इस साल 46 और स्व-सहायता समूहों को जोड़ा गया है। इस तरह कुल 129 स्व-सहायता समूहों द्वारा 2428 हेक्टेयर क्षेत्र में बाँस रोपण किया जा रहा है।

चार साल में 40 लाख रूपये की मिलती है फसल

बाँस लगाने के चौथे साल से प्रति भिर्रा न्यूनतम 10 बाँस तकरीबन 40 फिट लम्बे हो जाते हैं। इस तरह 40 हजार पौधे से इतने ही बाँस उपलब्ध हो जाते हैं। प्रति बाँस 100 रूपये के हिसाब से बिकता है। इनकी बिक्री से 40 लाख रूपये की फसल हितग्राही को मिल सकती है। बाँस के खरीददार खेत से ही फसल ले जाने से परिवहन खर्च भी नहीं होता। इसके अलावा उत्पादक किसान को चौथे साल में प्रति एकड़ एक हजार क्विंटल बाँस की सूखी पत्ती प्राप्त हो जाती है। इस पत्ती को जमीन में गाड़कर उच्च क्वालिटी की कम्पोस्ट खाद भी बनाई जाती है। इसका उपयोग सब्जी और अन्य तरह की खेती में किया जाता है।

अन्य फसलों का भी साथ में होता उत्पादन

बाँस की कतारों के बीच में मिर्च, शिमला मिर्च, अदरक और लहसुन की फसल उगाई जा सकती है। बाँस की कतार में इन फसलों में पानी कम लगता है और गर्मी में विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है जिससे अच्छा उत्पादन हो जाता है।

बाँस की खेती के लिए किसान क्या करे?

किसान अपना आवेदन ऑन-लाईन के माध्यम से ebamboobazor.org पर अथवा स्थानीय वनाधिकारी के कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।

ऐसे मिलता है अनुदान

बाँस की खेती करने पर हितग्राही को प्रति पौधा 120 रूपये का अनुदान तीन वर्ष में मिलता है। पहले साल 60 रूपये, दूसरे साल 36 रूपये और तीसरे साल 24 रूपये का अनुदान मिलता है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश