Posted on 19 May, 2022 11:12 am

प्रमुख सचिव पर्यटन और प्रबंध निदेशक पर्यटन बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के पर्यटन को विश्व पटल पर लाने के लिए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड, देश के नंबर एक फूड और लाइफस्टाइल चैनल 'कर्ली टेल्स' के साथ शुक्रवार से "एमपी की गलियों में - एमपी की कहानी" डिजिटल मीडिया सीरीज टेलीकास्ट कर रहा है। डिजिटल मीडिया सीरीज में कुल 10 एपिसोड रहेंगे, जो निर्धारित दिनांक पर शाम 5 बजे कर्ली टेल्स के फेसबुक और यूट्यूब पेज पर लाइव होंगे। इस सीरीज से मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड, राज्य को ऐसे गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा है जहाँ पर्यटक कई अनूठी चीजों को एक ही स्थान पर ले सके। फिर चाहे वह 5 हजार साल पुरानी संस्कृति हो, स्वादिष्ट भोजन हो या विरासत या फिर कोई अनोखा अनुभव। कर्ली टेल्स का यह नया शो सभी पर्यटकों के लिए अनोखा और रोमांचक होगा।

प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि डिजिटल सीरीज में हर एपिसोड में प्रदेश के एक विशेष जिले के इतिहास, संस्कृति, भोजन, कहानियों, पर्यटन स्थल और अन्य रोचक जानकारियों से रू-ब-रू कराया जाएगा। पहला एपिसोड शुक्रवार 20 मई को रतलाम, दूसरा एपिसोड 24 मई को ग्वालियर और तीसरा एपिसोड 27 मई को उज्जैन पर होगा। इसी तरह 30 मई, 3 जून और 7 जून को भोपाल विशेष एपिसोड टेलीकास्ट होगा। पचमढ़ी पर 10 जून को, जबलपुर पर 14 और 17 जून को एवं आखरी एपिसोड झाबुआ पर 21 जून को टेलीकास्ट किया जाएगा। 

"एमपी की गलियों में, एमपी की कहानी" सीरीज का पहला एपिसोड भारत की सेव राजधानी रतलाम पर होगा। एपिसोड में रतलाम के प्रसिद्ध सेव बनाने की विधि के साथ, केसर चाय, पालक पकोड़ा और ऐसी ही शहर के मशहूर 15 अलग-अलग व्यंजनों के जायकों की जानकारी मिलेगी। बहुत ही रोचक ढंग से फिल्माए गए इस एपिसोड को देखने के बाद अनायास ही दर्शकों के मन में रतलाम जाने की ललक उमड़ उठेगी।

"कर्ली टेल्स" देश का नंबर एक फूड एवं लाइफ स्टाइल डिजिटल पोर्टल है। यह विभिन्न राज्यों के पर्यटन बोर्ड के साथ आई लव माय इंडिया, वांडरलक्स, सीटी डिस्कवरी, सोलो फीमेल ट्रैवलर जैसे आई.पी. के साथ ट्रेवलिंग को आसान और सुलभ बनाने की योजना पर कार्य कर रहा है। कर्ली टेल्स का लक्ष्य इन प्रदेशों में स्थित अद्वितीय और अप्रचलित स्थानों को जीवंत कर पर्यटकों के लिए यात्रा सुलभ बनाना है। यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एजेन्सी की रीच करीब 60 मिलियन है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश