Posted on 07 Jun, 2021 7:16 pm

राजधानी भोपाल एवं उसके आसपास लगे इलाकों में बिल्डरों द्वारा विकसित की जा रही सैंकड़ों कॉलोनियों में आवास, दुकान लेने से पहले आमजन ध्यान दें कि कहीं आपको बिना बिजली कनेक्शन के अंधेरे में न रहना पड़े। गौरतलब है कि प्राइवेट बिल्डर्स द्वारा भोपाल शहर और उसके आसपास के इलाकों में विद्युत अधोसंरचना का कार्य कराये बिना ही सीमित समय के लिए अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेकर 50 से अधिक प्राइवेट कॉलोनियों में आवासीय प्लाट, मकान, दुकान बनाकर बेचे जा रहे हैं। इससे वहाँ प्लाट, मकान एवं दुकान लेने वाले नागरिकों को जहाँ एक ओर गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति नहीं मिल रही है वहीं दूसरी ओर घरेलू दरों की तुलना में अस्थाई कनेक्शन के लिए लागू ऊँची दरों पर विद्युत का उपयोग करना पड़ रहा है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्पष्ट किया गया है कि अविद्युतिकृत कॉलोनी होने के कारण उपभोक्ताओं को वैधानिक नियमित कनेक्शन देने का प्रावधान नहीं है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कहा है कि राजधानी भोपाल एवं आसपास के इलाकों में प्राइवेट बिल्डर्स/कॉलोनाईजर द्वारा विकसित की जा रही कॉलोनियों में नियमानुसार विद्युत अधोसंरचना का कार्य कराया जाना आवश्यक है जिससे वहाँ रहने वाले उपभोक्ताओं को नियमानुसार वैध बिजली कनेक्शन देकर निर्धारित दरों पर गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया सके। कंपनी ने कहा है कि बिजली सप्लाई कोड के अनुसार अस्थाई विद्युत कनेक्शन अधिकतम 5 वर्ष तक की अवधि के लिए ही दिया जा सकता है। ऐसे बिल्डरों/कॉलोनाईजर पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जा रही है जिनके द्वारा विद्युत अधोसंरचना का कार्य कराये बिना ही अस्थाई कनेक्शन लेकर विद्युत का उपयोग एवं बिजली का विक्रय किया जा रहा है। इसके लिए बिजली कंपनी ने रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) को पत्र लिखकर कार्यवाही का अनुरोध किया है। कंपनी द्वारा सभी मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे ऐसी कॉलोनियों को चिन्हित कर बिल्डर्स/कॉलोनाईजरों पर कार्यवाही करें तथा वहॉं रहने वाले नागरिकों को बिल्डर्स के माध्यम से विद्युतीकरण का कार्य कराये जाने के लिये प्रेरित करें ताकि नियमानुसार वैध दरों पर गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया जा सके।

कंपनी ने आम नागरिक एवं उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे कॉलोनियों में प्लाट, दुकान एवं मकान खरीदने से पहले सुनिश्चित करें कि वह कॉलोनी नियमानुसार विद्युतीकृत है अथवा नहीं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश